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उपलब्धि: 26 जनवरी को बायो फ्यूल से उड़ान भरेगा वायुसेना का विमान

उपलब्धि: 26 जनवरी को बायो फ्यूल से उड़ान भरेगा वायुसेना का विमान

Tuesday December 18, 2018 , 2 min Read

भारतीय वायुसेना के प्रमुख परीक्षण स्थल एएसटीई, बंगलुरु में 17 दिसंबर, 2018 को पायलटों और इंजीनियरों ने एएन-32 सैनिक परिवहन विमान में पहली बार मिश्रित बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करते हुए प्रायोगिक उड़ान भरी।

एएन-32 सैनिक परिवहन विमान 

एएन-32 सैनिक परिवहन विमान 


वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोवा ने 27 जुलाई, 2018 को घोषणा की थी कि वायुसेना बायो जेट ईंधन को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी।

पूरी दुनिया परंपरागत ईंधन की कमी के संकट से जूझ रही है। कोयला, पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधनों की उपलब्धता सीमित है और अगर इनका सही और सीमित इस्तेमाल नहीं हुआ तो बहुत जल्द इनके खत्म होने की भी संभावना है। हालांकि इस क्षेत्र में शोध करने वाले वैज्ञानिक लगातार इस पर रिसर्च कर रहे हैं कि कैसे ईंधन के वैकल्पिक माध्यम को खोजा जा सके। ईंधन के रूप में बायोफ्यूल एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अभी हाल ही में इससे एक कमर्शियल विमान उड़ाने की सफल कोशिश की गई थी। अब भारतीय वायुसेना के विमान में भी इसका प्रायोगिक परीक्षण कर लिया गया है।

भारतीय वायुसेना के प्रमुख परीक्षण स्थल एएसटीई, बंगलुरु में 17 दिसंबर, 2018 को पायलटों और इंजीनियरों ने एएन-32 सैनिक परिवहन विमान में पहली बार मिश्रित बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करते हुए प्रायोगिक उड़ान भरी। यह परियोजना भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, डायरेक्ट्रेट जनरल एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीएक्यूए) और सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान का मिला-जुला प्रयास है।

वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोवा ने 27 जुलाई, 2018 को घोषणा की थी कि वायुसेना बायो जेट ईंधन को बढ़ावा देने का प्रयास करेगी। स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के बारे में आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करते हुए वायुसेना अध्यक्ष ने कहा था कि 26 जनवरी, 2019 को गणतंत्र दिवस पर होने वाले फ्लाईपास्ट में 10 प्रतिशत बायो जेट ईंधन के साथ एएन-32 विमान उड़ाने का भारतीय वायुसेना का इरादा है।

भारतीय वायुसेना ने जमीन पर बड़े पैमाने पर ईंजन परीक्षण किए। इसके बाद 10 प्रतिशत मिश्रित एटीएफ का इस्तेमाल करते हुए विमान का परीक्षण किया गया। इस ईंधन को छत्तीसगढ़ जैव डीजल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) से प्राप्त जट्रोफा तेल से बनाया गया है, जिसका बाद में सीएसआईआर-आईआईपी में प्रसंस्करण किया गया है। भारतीय वायुसेना 26 जनवरी, 2019 को गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करते हुए एएन-32 विमान उड़ाना चाहती है।

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