वे युवा महिलाएं जो बिजनेस चलाने के साथ-साथ बच्चों की देखभाल करके बन रही हैं प्रेरणा
मिलें उन मांओं से, जो घर के साथ-साथ बेहतरीन तरीके से चला रही हैं अपना बिजनेस...
मांओं के पास एक साथ कई और सारे कामों को संभालने की क्षमता होती है। ये महिलाएं इसी बात को साबित कर रही हैं। ये महिलाएं अपने बच्चों की शारिरिक देखभाल करने के साथ ही उन्हें पूरा मानसिक सपोर्ट भी देती हैं। लेकिन सबसे खास बात ये है कि ये महिलाएं अपने सपने को भी पूरा कर रही हैं।
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सुचि और गरिमा
बिजनेस को 24 घंटे वाला काम माना जाता है। उसमें आपको कभी भी काम पर लग जाना पड़ता है। लेकिन बच्चों की देखभाल भी कुछ ऐसे ही होती है। बच्चे अगर छोटे हैं तो उनके नैपकिन बदलने से लेकर थोड़ा बड़े होने पर स्कूल में पैरेंट्स टीचर मीटिंग तक के काम संभालने पड़ते हैं।
महिलाओं को कई सारे क्षेत्र के लिए सिर्फ इसलिए उपयुक्त नहीं माना जाता क्योंकि उनके सिर पर बच्चों की देखभाल का जिम्मा डाल दिया जाता है। लेकिन हम आपको 5 ऐसी महिलाओं से मिलवाने जा रहे हैं जो कि एक सफल बिजनेसवूमन होने के साथ-साथ अच्छी मां भी हैं। मांओं के पास एक साथ कई और सारे कामों को संभालने की क्षमता होती है। ये महिलाएं इसी बात को साबित कर रही हैं।
ये महिलाएं अपने बच्चों की शारीरिक देखभाल करने के साथ ही उन्हें पूरा मानसिक सपोर्ट भी देती हैं। लेकिन सबसे खास बात ये है कि ये महिलाएं अपने सपने को भी पूरा कर रही हैं। इनकी कहानी सुनकर आपको लगेगा कि मां बन जाने के बाद महिलाओं के सपनों और ऑफिस के काम पर ब्रेक नहीं लग जाता।
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अमृता वासवानी
1- अमृता वासवानी
अमृता बमचम की फाउंडर हैं। यह स्टार्ट अप बच्चों के लिए इकॉ फ्रेंडली और केमिकल फ्री प्रॉडक्ट मुहैया करवाता है। हाइब्रिड डाइपर कवर से लेकर टीशर्ट, क्लॉथ नैपी और भी कई सारी चीजें उनकी कंपनी बनाती है। इसकी स्थापना 2013 में हुई थी। शुरू में यहां सिर्फ मॉर्डन क्लॉथ डायपर बेचा जाता था, लेकिन बाद में अमृता को लगा कि आज की महिलाएं हमेशा डायपर को नहीं धो सकतीं क्योंकि उनके पास इतना वक्त नहीं होता है। इसलिए 2017 में उन्होंने बमचम डायपर लॉन्च किया। यह डायपर पूरी तरह से इकॉफ्रेंडली है और इसे इस्तेमाल करने के बाद पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता। यह बायो डिग्रेडेबल है।
अमृता के प्रॉडक्ट शहरी युवा पैरेंट्स और शिक्षित महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं। अमृता खुद एक मां हैं और उन्हें पता है कि ऑफिस जाने वाले लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है और बच्चों के बाद तो और भी कई तरह की जिम्मेदारियां आ जाती हैं। वह अमेरिकन एक्सप्रेस और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के लिए काम कर चुकी हैं।
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सुची मुखर्जी
2- सुची मुखर्जी
लाइमरॉड की सीईओ और सह-संस्थापक सुची ने अपने बिजनेसवूमन बनने के सफर की शुरुआत तब की थी जब वह खुद मातृत्व अवकाश पर थीं। 2012 में उन्होंने इस ई-कॉमर्स और लाइफस्टाइल, एक्सेसरीज वेबसाइट की शुरुआत की थी। उन्होंने स्काइपे और गुमट्री जैसी कंपनियों में काम किया था इसलिए बिजनेस शुरू करने में ज्यादा मुश्किल नहीं हुई। वह अपने दो छोटे बच्चों की देखभाल करने के साथ ही अपने बिजनेस पर भी ध्यान लगा रही थीं। वह कहती हैं कि उनके पति, माता-पिता और ससुराल के लोगों ने उनका पूरा साथ दिया जिससे कि वह अपने सपने को पूरा कर पाईं।
3. पल्लवी उटागी
मुंबई की रहने वाली पल्लवी सुपरबॉटम्स की फाउंडर हैं। उनकी कंपनी भी इकॉ-फ्रेंडली, दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले डायपर्स बनाती है। यह 2014 का वक्त था जब उन्होंने बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं को समस्याओं से जूझते हुए देखकर यह कदम उठाया। वह पर्यावरण को लेकर भी काफी चिंतित रहती थीं। उनके पति की सोच भी उनके जैसी है, जिन्होंने उनका पूरा सहयोग दिया। पल्लवी ने अपना बिजनेस शुरू करने से पहले कई सारे इंटरनेशनल क्लॉथ डायपर के बारे में रिसर्च किया और सारी जानकारी एकत्रित की। फार्मा कंपनियों में काम करने की वजह से उन्हें काफी अनुभव भी था।
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पल्लवी उटागी
वह अपनी पिछली कंपनी में i-pill, i-can, i-sure जैसे प्रॉडक्ट पर काम कर चुकी थीं। कई सारे रिसर्च और टेस्ट-रन के बाद पल्लवी में आत्मविश्वास आया कि वह अपना खुद का प्रॉडक्ट बना सकती हैं। इसके बाद 2015 में सुपरबॉटम्स लॉन्च हुआ। पल्लवी की टीम में काम करने वाली जितनी भी महिला डिजाइनर्स हैं उनमें से अधिकतर मां हैं। उनके प्रॉडक्ट अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
4. निहारिका वर्मा
निहारिका ने अपने पति पुनीत के साथ बोनऑर्गैनिक (BonOrganik) की स्थापना की थी। यह एक रिलेशनशिप क्लॉथिंग ब्रैंड है। यह छह कैटिगरी में डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंद और रिटेलिंग का काम करता है। 2016 में दस लाख लोगों ने इसके प्रॉडक्ट्स खरीदे। आज हर महीने इसकी सेलिंग 10,000 ऑर्डर प्रति माह के करीब है। अगर आंकड़ा लगाएं तो हर महीने निहारिका को 1.4 करोड़ का रेवेन्यू हासिल होता है। निहारिका दो बच्चों की मां हैं। अपने बच्चों की अच्छी से परवरिश करने के साथ ही बिजनेस को भी संभाल रही हैं। अपनी सफलता का राज बताते हुए वह कहती हैं कि अगर आप लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे तो वे समझेंगे और आपकी मदद भी करेंगे।
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निहारिका वर्मा अपने पति और बेटे के साथ
वे अपनी बेटी को लेकर मीटिंग में जाती थीं और वह छोटे-छोटे कामों के वक्त भी उनके साथ रहती थी। कई बार जब वह ऑफिस नहीं जा पाती थीं तो टीम को अपने घर बुला लेती थीं और घर से ही काम करती थीं।
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गरिमा सतिजा
5- गरिमा सतिजा
गरिमा पॉशवाइन (PoshVine) नाम से एक इंटरनेट वेंचर चलाती हैं। वह नौकरी डॉट कॉम और ओजोन मीडिया के साथ काम कर चुकी हैं। यह कंपनी लोगों को अपने करीबियों के साथ नई-नई चीजें करने के आइडिया बताती है। गरिमा की एक बेटी है जिसके साथ वह 50 साल पूरे होने से पहले 100 देश घूमना चाहती हैं। उन्हें बेटी के पैदा होने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा। आज वह एक सफल बिजनेसवूमन हैं।
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