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अफवाहों पर न दें ध्यान, आधार से लिए हुए फोन कनेक्शन नहीं होंगे बंद

अफवाहों पर न दें ध्यान, आधार से लिए हुए फोन कनेक्शन नहीं होंगे बंद

Friday October 19, 2018 , 4 min Read

जब से सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर फैसला दिया है तब से इस तरह की अफवाहें सामने आ रही थीं कि देश के 50 करोड़ मोबाइल कनेक्शन बंद हो जाएंगे। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होने वाला।

सांकेतिक तस्वीर

सांकेतिक तस्वीर


इन अफवाहों पर दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बृहस्पतिवार को सफाई दी। सरकार ने कहा कि आधार का उपयोग करके जारी किये गये कनेक्शनों के बंद होने का कोई खतरा नहीं है।

अगर आप भी इस अफवाह के बहकावे में आ गए हैं कि आधार से जारी हुए फोन कनेक्शन बंद होने वाले हैं तो आपको सच जानने की जरूरत है। जब से सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर फैसला दिया है तब से इस तरह की अफवाहें सामने आ रही थीं कि देश के 50 करोड़ मोबाइल कनेक्शन बंद हो जाएंगे। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होने वाला। इन अफवाहों पर दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बृहस्पतिवार को सफाई दी। सरकार ने कहा कि आधार का उपयोग करके जारी किये गये कनेक्शनों के बंद होने का कोई खतरा नहीं है।

दूरसंचार विभाग और UIDAI ने उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया है कि आधार से जुड़े 50 करोड़ यानी आधे सिम कार्ड बंद हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राहकों का फिर से सत्यापन तभी किया जायेगा जब कोई ग्राहक अपने आधार आधारित सत्यापन को किसी दूसरे पहचान पत्र या वैध पते प्रमाण पत्र से बदलना चाहेगा। दोनों विभागों ने स्पष्ट किया कि मीडिया में कुछ समाचार रिपोर्टें बताती हैं कि 50 करोड़ मोबाइल नंबरों के बंद होने का जोखिम है। यह कुल सक्रिय मोबाइलों का लगभग आधा हिस्सा है। ऐसी रिपोर्टें पूरी तरह से असत्य और काल्पनिक हैं। समाचार रिपोर्ट मोबाइल उपयोगकर्ताओं के बीच अनावश्यक अफरा-तफरी पैदा करने का प्रयास कर रही है। इसमें दावा किया गया है कि नवीनतम पहचान के बिना आधार सत्यापन के द्वारा जो सिम कार्ड प्राप्त किये गए हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

संयुक्त बयान में स्पष्ट किया गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आधार मामले में अपने फैसले में कहीं भी निर्देश नहीं दिया है कि आधार ईकेवाईसी के माध्यम से जारी किया गया मोबाइल नंबर बंद किया जाना है। इसलिए, अफरा-तफरी या डर के लिए कोई कारण नहीं है। लोगों को ऐसी अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। न्यायालय ने 6 महीने के बाद दूरसंचार ग्राहकों के सभी ईकेवाईसी डेटा को हटाने के लिए भी नहीं कहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यूआईडीएआई को 6 महीने से अधिक समय तक प्रमाणीकरण लॉग नहीं रखना चाहिए। यूआईडीएआई पर प्रतिबंध है, न कि दूरसंचार कंपनियों पर। इसलिए, दूरसंचार कंपनियों को प्रमाणीकरण लॉग हटाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

अतः फैसले के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने आधार ईकेवाईसी को ताजा केवाईसी द्वारा प्रतिस्थापित करने की इच्छा रखता है, तो वह मोबाइल केवाईसी पर पहले दूरसंचार विभाग के परिपत्रों के अनुसार ताजा ओवीडी जमा करके सेवा प्रदाता से अनुरोध कर सकता है। लेकिन किसी भी मामले में पुराने मोबाइल नंबर बंद करने के लिए कोई निर्देश नहीं है। संयुक्त वक्तव्य में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून की कमी के कारण आधार ईकेवाईसी प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से नए सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है। इसमें पुराने मोबाइल फोन को निष्क्रिय करने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं है।

बयान में कहा गया है कि वास्तव में दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई एक मोबाइल ऐप के माध्यम से नए सिम कार्ड जारी करने के लिए पूरी तरह से निर्बाध और डिजिटल प्रक्रिया लाने की प्रक्रिया में हैं जो आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी तरह से अनुपालन करेंगे। प्रस्तावित प्रक्रिया में अक्षांश, देशांतर और समय के मोहर सहित व्यक्ति की लाइव तस्वीर को प्रस्तुत करना शामिल होगा। आधार कार्ड, मतदाता पहचान इत्यादि जैसी आईडी की तस्वीर को इसमें शामिल किया जाएगा। सिम कार्ड एजेंट को ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा और सिम कार्ड जारी किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निर्बाध और डिजिटल होगी।

बयान में दोहराया गया है कि मीडिया में दिखाई देने वाली रिपोर्टों से अफरा-तफरी मचाने या भ्रमित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। कहा गया है कि न्यायालय ने कानून के अभाव में आधार के जरिये नये सिम कार्ड के सत्यापन पर रोक लगाई है लेकिन पुराने मोबाइल कनेक्शनों को रद्द करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। यूआईडीएआई ने कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिये दूरसंचार कंपनियों को 15 अक्टूबर का समय दिया है और अपनी सेवाओं के लिये आधार आधारित सत्यापन को बंद करने के लिये कहा है।

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