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पढ़ाई को आसान बनाएं, “Creatist” को अपनी तकलीफ बताएं...

खराब इंटरनेट कनेक्शन में भी कारगरटीम में हैं 7 सदस्यविदेश में कारोबार फैलाने की कोशिश

पढ़ाई को आसान बनाएं, “Creatist” को अपनी तकलीफ बताएं...

Monday October 17, 2016 , 5 min Read

कल्पना कीजिए एक ऐसे स्कूल के क्लास की, जहां पर पढ़ने वाले ढेर सारे बच्चे हों तो वहां पर टीचर की हालत कैसी होगी। जाहिर है वहां पर काफी शोर और शरारत होगी ऐसे हालात में टीचर भी हर बच्चे के विकास पर ध्यान नहीं दे पाएगा। शौविक धर ने अपने दो सह-संस्थापकों के साथ मिलकर इस चुनौती को स्वीकार किया जिसमें तकनीक के माध्यम से पढ़ाई का माहौल सुनिश्चित होने के साथ ही क्लासरूम को कुशल तरीके से चलाया जा सकता है।

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Creatist एक ऐसा उपकरण और प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से टीचर हर बच्चे पर नजर रख सकता है और आसानी से अपनी जानकारी बांट सकता है। इतना ही नहीं सैकड़ों छात्रों के हल्ले के बीच भी दूसरे छात्र टीचर की कही बात सुन सकते हैं। शौविक धर ने अपने साथी सुभाष चंद्रा के साथ मिलकर साल 2011 में Career Aces की शुरूआत की थी। ये स्नातक लोगों को ट्रेनिंग देने का काम करते थे ताकि ऐसे लोगों की कंपनियों में नौकरी लग सके। सुभाष और शौविक कॉलेज के दिनों के दोस्त थे। शौविक ने हैदराबाद के इंडियन बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। Career Aces के दौरान इन लोगों ने आंध्र प्रदेश के 6हजार स्नातकों को ट्रेंड किया था इनमें से 66 प्रतिशत लोग नौकरी पाने में सफल हुए। जल्द ही इन लोगों ने जान लिया था कि इस कारोबार का कोई तय पैमाना नहीं है। जिसके बाद साल 2013 में इन्होने पारंपरिक शिक्षण अनुभव के विकास के लिए काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान इनकी मुलाकात कनकन भट्टाचार्य से हुई जो कॉलेज के दिनों में इनके सीनियर थे और वो तकनीकि चुनौती से जुड़ा कुछ काम ढूंढ रहे थे।

करीब 7 महीनों की मेहनत के बाद इन लोगों ने Creatist की शुरूआत की। इसके विकास का पीछे मुख्य उद्देश्य हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में शिक्षण और सीखने के केंद्र की मदद करना था। शौमिक के मुताबिक उन लोगों ने देखा कि जब इसका इस्तेमाल किया गया तो प्रशिक्षक के लिए ये काफी मददगार साबित हुआ। तब इन लोगों को अहसास हुआ कि इन्होने जिस चीज को बनाया है वो काफी शानदार है। 7 लोगों की इनकी टीम हैदराबाद और बेंगलौर से अपने काम को अंजाम तक पहुंचाती है।

Creatist शिक्षण के क्षेत्र में आसान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता है। ये तेजी से सीखने में मददगार है साथ ही छात्रों की गतिविधियों पर तो ये नजर रखता ही है उनको टीचर के साथ बातचीत के लिए प्रोत्साहित भी करता है। इन लोगों को इस बात का अहसास कि कई ऐसा संस्थान है जो इस वजह से तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि वो महंगी होती है। इसके अलावा खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी इसकी बड़ी वजह है। Creatist ने ना सिर्फ अस्थिर इंटरनेट कनेक्शन की समस्या बल्कि कन्टेन्ट प्रबंधन, उपकरण पर निर्भरता और कीमत पर खास ध्यान दिया है। इनका बनाया सोलूशन कहीं भी, किसी भी उपकरण पर काम कर सकता है। बावजूद इनका दावा है कि इनका बनाया सिस्टम खराब इंटरनेट कनेक्शन होने पर 99 प्रतिशत तक ठीक काम करता है।

एक्टिव लर्निंग एक व्यापक शब्द है। जिसका मुख्य उदेश्य ऐसे मॉडल के माध्यम से शिक्षार्थियों को सीखने की जिम्मेदारी बताना है। ये ऐसा माहौल प्रदान करता है जहां पर छात्र एक दूसरे की मदद से काम करते हैं, किसी खास मुद्दे पर वाद-विवाद करते हैं, अपनी केस स्टडी पर व्यस्त रहते हैं, मिलजुल कर पढ़ाई करते हैं साथ ही लिखने का अभ्यास भी करते हैं। शौमिक के मुताबिक उनका ध्यान देश और विदेश में मौजूद उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों पर है। इस कारण उन्होने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, यूएनआईएसटी, कोरिया, टेक्सास का टेक विश्वविद्यालय में ट्रायल के तौर पर इसे लागू कर रहे हैं ताकि वो अपने ग्राहकों का भरोसा जीत सकें। इसके अलावा इन लोगों ने देश के 5 संस्थानों को अपने साथ जोड़ा है जबकि अमेरिका के दो और दक्षिण कोरिया के दो संस्थान भी इनकी सेवाएं ले रहे हैं। इनके काम के बारे में कई अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलन में खूब चर्चा होती है। जो इनके उत्पाद को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होता है।

शौविक धर, सुभाष चंद्रा और कनकन भट्टाचार्य

शौविक धर, सुभाष चंद्रा और कनकन भट्टाचार्य


इस क्षेत्र में मौजूद Lanschool और Learning Catalytics काफी अच्छा काम कर रहे हैं। बावजूद इसके इन लोगों का मानना है कि भारतीय बाजार में इनके साथ उनका कोई सीधा मुकाबला नहीं है। हालांकि Harness Touch, Magic Pencil और दूसरी कई कंपनिया Creatist से मिलते जुलते उत्पाद बेच रही हैं। शौमिक का मानना है कि उनके सामने मुख्य चुनौती प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तक अपनी पहुंच बनाना है। जहां पर गलती की कोई संभावना नहीं रहती। इसके अलावा लोगों को अपने उत्पाद के इस्तेमाल के लिए तैयार करना भी प्रमुख चुनौती है। इन लोगों के मुताबिक जब इन्होने अपने उत्पाद को शुरू किया तो इन्होने कुछ चीजों पर खास ध्यान दिया। इन लोगों का मानना है कि अपने उत्पाद को सफल बनाने के लिए कई बार आपको इसके उपयोगकर्ता के पैरों तक में गिरना पड़ता है और किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहना रहना होता है। भले ही वो छोटी हो या बड़ी।

लोगों के बढ़ते भरोसे और काम के भार को देखते हुए Creatist की योजना अपनी टीम को अगले छह महीनों में बढ़ाने की है। इसके अलावा निवेश बढ़ाने के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल Creatist भारत,यूएई और फ्रांस में अपने सहयोगियों के साथ सम्पर्क बनाये हुए है।