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11वीं में पढ़ने वाले छात्र ने सच किया मोदी के 'मेक इन इण्डिया' का सपना

11वीं में पढ़ने वाले छात्र ने सच किया मोदी के 'मेक इन इण्डिया' का सपना

Friday February 19, 2016 , 4 min Read

11 वीं क्लास में पढ़ने वाले अंकित त्रिपाठी ने बनाया व्हाट्सएप को चुनौती देने वाला ऐप

प्लेस्टोर पर मौजूद है व्हाट्सएप को चुनौती देने वाला अंकुर का एन्कऐप

यूजर्स ने इस एप्लीकेशन को 4.5 स्टार की रेटिंग दी 

देश के प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया को गोरखपुर के 11वीं के छात्र अंकुर त्रिपाठी ने सच कर दिखाया है। युवाओं में बेहद लोकप्रिय व्हाट्सएप, वीबर, हाइक जैसे अंतरर्राष्ट्रीय मैसेंजिंग एप्लीकेशन्स की तरह ही अंकुर का एन्कऐप प्ले स्टोर पर धमाल मचाया हुआ है. किशोर का दावा है कि यह ऐप व्हाट्सएप से दुगुने क्षमता वाला है और इसमें कई बेहतरीन फीचर्स भी मौजूद हैं।

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गोरखपुर के राप्तीनगर मुहल्ले में रहने वाले अंकुर त्रिपाठी नवल्स एकेडमी में कक्षा 11 के छात्र है। कॉमर्स की पढ़ाई कर रहे इस किशोर ने मोबाइल के व्हाट्सएप् को देखकर खुद की एक ऐप बनाने की ठानी। काफी दिनों तक रिसर्च और जानकारी जुटाने के बाद अंततः अंकुर को मनचाही सफलता मिल ही गई। अपनी सफलता को अपने परिजनों, दोस्तों शिक्षकों समेत सूचना प्रौद्योगिकी के जानकारों से साझा कर सब को चौंका दिया। साथ ही व्हाट्सअप और वर्तमान में तमाम मौजूदा दौर के मैसेंजिंग एप्लिकेशंस से ज्यादा फीचर्स के साथ 3 फ़रवरी को अंकुर ने अपने एंकेप नामक इस एप को प्ले स्टोर पर रजिस्टर्ड करवाया। रजिस्टर्ड होने के बाद धीरे धीरे ही सही पर ये एप्लीकेशन धमाल मचाने लगा है। अब तक हज़ारों की संख्या में लोग इसे अपने एंड्रोवायड फोन पर डाउनलोड कर चुके हैं। डाउनलोड की प्रक्रिया लगातार जारी है। सबसे उम्दा ये की अब तक तमाम यूजर्स ने इस एप्लीकेशन को 4.5 स्टार की रेटिंग दी है।

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मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे अंकुर त्रिपाठी के पिता गोरखनाथ त्रिपाठी रजिस्ट्री विभाग में कार्यरत हैं। मां गृहणी हैं। तीन भाइयों में अंकुर सबसे बड़े हैं। अंकुर ने योरस्टोरी को बताया, 

"मेरे पिताजी के हर तीन साल पर होने वाले तबादले से मेरे दोस्त बनते और जल्द ही बिछड़ जाते। इसी कमी को पूरा करने की खातिर मैंने इंटरनेट की दुनिया से नाता बढ़ाया और लगातार नई तकनीक और ट्रेंड को सीखना शुरू किया।" 

उल्लेखनीय है कि अंकुर ने सूचना क्रांति के इस दौर में भी बिना किसी विशेष प्रशिक्षण और टेक्नीकल सपोर्ट के दुनिया की तमाम नामचीन मैसेंजिंग एप्लीकेशन्स के सामने पूरी तरह भारतीय मैसेंजिंग एप्लीकेशन के जरिये दमदार उपस्थिति दर्ज़ कराई है।

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एन्कऐप एक सोशल नेटवर्किंग ऐप है। ठीक व्हाट्सऐप की तरह यह काम करता है लेकिन इसके फीचर्स एवं क्षमता व्हाट्सऐप से दुगुना है। अंकुर बताते हैं 

"इस ऐप से बड़ी से बड़ी फाइल ट्रांसफर की जा सकती है। इसके मैसेज आॅटोमेटिकली क्लाउड में सेव हो जाते हैं जिसे कभी भी हासिल किया जा सकता है। इसकी सर्विस भी अन्य नेटवर्किंग ऐप की तरह काफी तेज है। सबसे बड़ी खूबी है कि यह बिल्कुल फ्री है साथ ही पूरी तरह भारतीय है। एन्कऐप से एक साथ 100 लोगों को मैसेज भेजा जा सकता है।"
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अंकुर भविष्य में ऐप डेवलपर बनना चाहते हैं। वह एक ऐसा प्लेटफार्म क्रिएट करना चाहते हैं, जहां दूसरी प्रतिभाएं काम कर सकें और अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन कर सकें ताकि देश के काम आए। साथ ही उसकी दिली ख़्वाहिश है कि वो सपोर्ट डिजिटल इंडिया के लिए काम करना चाहता है। अंकुर ने बताया कि व्हाट्सएप यूज करने से देश का धन विदेश में जाएगा। लेकिन स्वदेशी ऐप से देश को ही फायदा होगा। हमारा पैसा विदेश जाने से बच सकेगा। साथ ही मुल्क में सूचना क्रांति के इस दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।

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