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एयरो इंडिया में 45 MSMEs को मिले 203 करोड़ के ऑर्डर, DISC के तहत 60 स्टार्टअप्स को मिली 1.5 करोड़ रुपये तक की फंडिंग: रक्षा मंत्री

1,200 से अधिक स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के साथ रक्षा भारत स्टार्ट-अप चैलेंज के लिए ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

एयरो इंडिया में 45 MSMEs को मिले 203 करोड़ के ऑर्डर, DISC के तहत 60 स्टार्टअप्स को मिली 1.5 करोड़ रुपये तक की फंडिंग: रक्षा मंत्री

Saturday February 06, 2021 , 5 min Read

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि डिफेंस इंडियास्टार्ट-अप चैलेंज (DISC) में भाग लेने वाले 1200 से अधिक स्टार्टअप्सऔर इनोवेटर्स में से 60 विजेताओं को प्रोटोटाइप बनाने के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिला है। एयरो इंडिया 2021 में दिनांक 5 फरवरी को आयोजित स्टार्ट-अप मंथन में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि एयरो इंडिया में भाग लेने वाले 45 MSMEs को पहले ही 203 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिल चुके हैं। एयरो इंडिया 2021 के अंतिम दिन वार्षिक फ्लैगशिप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वे रक्षा उत्कृष्टता के लिए इनोवेशन (iDEX) स्टार्ट-अप्स के लिए उपलब्ध वित्त को बढ़ाने पर विचार करें।


रक्षा मंत्री ने भारत के महत्वाकांक्षी स्टार्ट अप कार्यक्रम की सराहना की जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर युवा प्रतिभाओं और उद्यमिता का सदुपयोग करने के लिए शुरू किया गया था।

उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया तीन स्तंभों- सरलीकरण और हैंड होल्डिंग, फंडिंग औरप्रोत्साहन तथा इनक्यूबेशन और उद्योग-शिक्षा भागीदारी पर आधारित था। उन्होंने फंड ऑफ फंड स्कीम के जरिए 41,000 से अधिक स्टार्टअप एवं 384 स्टार्ट-अप्स में 45,00 करोड़ के निवेश का पारितंत्र बनाने में स्टार्ट-अप इंडिया की सफलता की सराहना की।
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फोटो साभार: Twitter/iDEX DIO

राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण प्रणाली में स्टार्ट अपको बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों जैसे रक्षा अनुसंधान एवंविकास संगठन (DRDO) के पेटेंट और प्रयोगशालाओं को निजी उद्योग के लिए खोलने, आला प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं की स्थापना, iDEX, डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (DISC), iDEX4Fauji आदि जैसे कार्यक्रमों की भी बात की। उन्होंने कहा कि रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 का नवीनतम संस्करण स्टार्ट-अप्स को मेक इन इंडिया फोरम्स में भाग लेने की अनुमति देता है और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए 100 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को सुरक्षित करता है ।


रक्षा मंत्री ने कहा कि IDEX पहल आत्मनिर्भरता हासिल करने कीदिशा में एक निर्णायक कदम है और यह आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना के अनुरूप सबसे प्रभावी और अच्छी तरह से निष्पादित रक्षा स्टार्ट-अप प्रणालियों में से एक है ।


एयरोस्पेस क्षेत्र पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में 300 से अधिक स्टार्ट-अप जारी हैं और iDEX 10 स्टार्ट-अप्स ने 100 करोड़ रुपये के उत्पाद विकसित किए हैं जिन्हें एयरो इंडिया 2021 में प्रदर्शित किया गया है ।


राजनाथ सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों को कुछ नया करने केअवसर प्रदान करने वाली पहल के रूप में iDEX4Fauji पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि iDEX4Fauji भारतीय सैनिकों और सेवा कर्मियों को इनोवेटर्स के रूप में मान्यता और पुरस्कृत करने की अनुमति देने वाली एक नया अवसर खोलता है। उन्होंने लेफ्टिनेंट दीपक सुमन कुमार द्वारा समुद्री अनुप्रयोगों में रोबोटिक्स के क्षेत्र में किए गए नवाचारों और मेजर अनूप मिश्रा द्वारा वॉल भेदी रडार का उदाहरण के रूप में उल्लेख किया।


IDEX ओपन चैलेंज की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल नवोन्मेषकों के लिए तकनीकी क्षमताओं का दोहन करने और हमारे देश की सैन्य क्षमता को मजबूत करने के तरीकों का प्रस्ताव करने के अवसर पैदा करती है। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन को समाप्त कर आशा व्यक्त की कि स्टार्ट-अप मंथन का वार्षिक फ्लैगशिप आयोजन रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप की शुरुआत में मील का पत्थर बन गया है।


रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने स्टार्ट-अप पारितंत्र के विकास कीसराहना की और भविष्य में इसकी स्थिरता के लिए मानकों को विकसित करने के महत्व की पहचान की। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में स्टार्ट-अप्स ने 2020 में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग के साथ COVID-19 की चुनौती को एक अवसर माना था। उन्होंने कहा कि भारत ने वैक्सीन विकास जैसे नवाचारों के साथ दिखाया है कि यह अग्रणी अभिनव देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय युवाओं के आत्मविश्वास का स्वरूप बदल गया, जो IDEX मेंप्रदर्शित हो रहा है।


इससे पहले रक्षा उत्पादन सचिव राज कुमार ने उपस्थित जनसमूह को रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा स्टार्ट अप संस्कृति और रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि IDEX को सैन्य युद्धों में नवीनतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था जो सैन्य सेवाओं की जरूरतों के साथ बारीकी से जुड़ा हुआ है और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए है।

रक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम में iDEX4Fauji और डीआईएससी 4 चैलेंजेज़ के तहत नवोन्मेषकों को मान्यता के प्रमाण पत्र सौंपे।
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फोटो साभार: Twitter/SanjayJaju

स्टार्ट-अप मंथन का आयोजन सालाना iDEXबैनर के तहत किया जाता है। भारतीय रक्षा जरूरतों के लिए कॉर्पोरेट मॉडल बनाने और रक्षा क्षेत्रको स्टार्ट-अप्स का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के मुख्य उद्देश्य के साथ अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा iDEX की शुरुआत की गई थी। इसके शुभारंभ के बाद से, iDEX एक राष्ट्रीय स्तर के पारितंत्र के रूप में उभरा है जो सैन्य उपयोगकर्ताओं और ऑपरेटरों को स्टार्ट-अप, नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ एक साथ ला रहा है। इस कार्यक्रम ने उद्योग जगत के नेताओं और व्यापार संबंधी निर्णय निर्माताओं को क्षमताओं, उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए DIO-iDEXसे जुड़ी फर्मों को एक अनूठा अवसर प्रदान किया।


इस अवसर पर चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उपसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु दयाल, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। सशस्त्र बलों के कार्मिकों और स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।