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ITR: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 7 फायदे

Income Tax Return दाखिल करके आप टैक्स कंप्लायंट इंडीविजुअल या फर्म की कैटेगरी में आ जाते हैं.

ITR: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 7 फायदे

Monday July 18, 2022 , 3 min Read

वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. यह आखिरी तारीख फिलहाल 31 जुलाई 2022 है. रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करके आप टैक्स कंप्लायंट इंडीविजुअल या फर्म की कैटेगरी में आ जाते हैं. आप भले ही टैक्स के दायरे में आएं या नहीं, यानी आपकी आय भले ही 2.5 लाख रुपये सालाना से कम हो लेकिन फिर भी आईटीआर फाइल करें. ITR फाइल करने के कई फायदे हैं. आइए जानते हैं, उनमें से कुछ के बारे में...

आसान लोन अप्रूवल

ITR फाइलिंग आपको पर्सनल लोन, कार लोन, होम लोन आदि जैसे लोन पर आसानी से मंजूरी पाने में मदद कर सकती है. लोन प्रोसेसिंग के समय, ऋणदाता अक्सर बॉरोअर्स से पिछले तीन वर्षों के ITR दस्तावेज जमा करने के लिए कहते हैं. यह बैंकों को आपकी आय स्थिरता जानने में सक्षम बनाता है, जिससे लोन की जल्द स्वीकृति में मदद मिलती है.

पते और आय प्रमाण के लिए विकल्पों में से एक

यदि आपके पास लोन या किसी अन्य सुविधा के लिए आवेदन करते समय उचित एड्रेस प्रूफ नहीं है, तो एक आईटीआर दस्तावेज आपको परेशानी से बचा लेता है. आप आईटीआर डॉक्युमेंट को आय के प्रमाण के रूप में भी जमा कर सकते हैं, खासकर सेल्फ इंप्लॉइड टैक्सपेयर्स.

क्विक वीजा प्रोसेसिंग

संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों के वीजा के लिए आवेदन करने पर वहां के दूतावास पिछले तीन वर्षों की आईटीआर रसीद मांगते हैं. वीजा प्रोसेसिंग के लिए आपका टैक्स कंप्लायंट होना जरूरी है. यह उन्हें आपकी आय का आश्वासन देता है.

टैक्स रिफंड क्लेम

ITR फाइलिंग का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं. टैक्स रिफंड का क्लेम उस स्थिति में किया जाता है, जब आपका टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश है लेकिन फिर भी टैक्स कट गया है. या फिर उ​स​ स्थिति में जब आपका ज्यादा टैक्स कट गया है.

नुकसान की भरपाई

आयकर कानूनों के अनुसार, अगर व्यक्ति या फर्म ड्यू डेट से पहले आईटीआर भरता है तो वह जरूरत पड़ने पर चालू वित्त वर्ष में हुए नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं. लेकिन अगर वह आईटीआर नहीं भरता है या ड्यू डेट गुजरने के बाद भरता है तो नुकसान को अगले वित्त वर्ष में कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता. समय पर आईटीआर फाइलिंग के साथ नुकसान को 'प्रॉफिट्स एंड गेन्स ऑफ बिजनेस एंड प्रोफेशन' या 'इनकम फ्रॉम कैपिटल गेन्स' के तहत फाइल किया जा सकता है.

थर्ड पार्टी एक्सीडेंटल क्लेम्स और हाई लाइफ इंश्योरेंस लेने पर

अगर आप किसी एक्सीडेंट के मामले में इंश्योरेंस क्लेम करना चाहते हैं तो आमतौर पर बीमा कंपनियां लीगल प्रोसिडिंग्स शुरू करने के लिए आपसे आईटीआर प्रूफ मांगती हैं. अगर आप आईटीआर डिटेल्स नहीं दे पाते हैं तो हो सकता है कि आपका क्लेम अमाउंट कम हो जाए. कुछ मामलों में क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है. इसी तरह आईटीआर आपको हाई लाइफ इंश्योरेंस कवर लेने में भी मदद कर सकता है.

कारोबार बढ़ाने में फायदेमंद

अगर आपका कोई कारोबार है, तो इसे एक्सपेंड करने में ITR आपके लिए बेहद लाभदायक साबित होता है. सरकारी विभाग या फिर बड़ी कंपनियां ज्यादातर उन्हीं कारोबारियों से उत्पाद खरीदने को तरजीह देती हैं, जो कम से कम पिछले दो से तीन सालों से आईटीआर फाइल कर रहे हों. बिजनेस एक्सपेंड करने के लिए अगर इन्वेस्टर्स या वेंचर कैपिटलिस्ट्स से पूंजी जुटाने की कोशिश में भी आपसे आईटीआर डिटेल्स की मांग की जा सकती है.