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जॉब, सैलरी में बढ़ोतरी में बेंगलुरु 9.3% की वृद्धि के साथ जॉब्स हब में सबसे ऊपर: रिपोर्ट

टीमलीज सर्विसेज ने रोजगार, रोजगार योग्यता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में क्रांतिकारी बदलाव को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 23-24 के लिए अपनी जॉब्स और सैलरी प्राइमर रिपोर्ट जारी की है.

जॉब, सैलरी में बढ़ोतरी में बेंगलुरु 9.3% की वृद्धि के साथ जॉब्स हब में सबसे ऊपर: रिपोर्ट

Wednesday November 13, 2024 , 4 min Read

भारत की प्रमुख स्टाफिंग कंपनियों में से एक टीमलीज सर्विसेज ने रोजगार, रोजगार योग्यता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में क्रांतिकारी बदलाव को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 23-24 के लिए अपनी जॉब्स और सैलरी प्राइमर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में चयनित शहरों और उद्योगों के रुझान में मूल्यवान आंकड़े उपलब्ध करने के लिए स्थायी और अस्थायी जॉब मार्केट में एकीकृत वेतन का विश्लेषण किया.

रिपोर्ट में नौकरियों में अलग-अलग भूमिकाओं का अध्ययन किया गया. रिपोर्ट में जो निष्कर्ष सामने आया है, उसके अनुसार बेंगलुरु अब भी नौकरी के अवसरों और वेतन वृद्धि के लिए भारत में अव्वल है, जहां पिछले साल के मुकाबले वेतन में औतन 9.3% की वृद्धि हुई है. यह वृद्धि एक टेक्नोलॉजी और बिजनेस हब के रूप में शहर की लंबे समय से चली आ रही प्रतिष्ठा को बयां करती है. बेंगलुरु में औसत मासिक यूनिफाइड वेतन 29,500 रुपये है, जो इसे देश में सबसे अधिक वेतन देने वाला शहर बनाता है. इसके बाद चेन्नई और दिल्ली आते हैं, जहां क्रमशः 7.5% और 7.3% वेतन वृद्धि दर्ज की गई है. चेन्नई में औसत मासिक वेतन 24,500 रुपये और दिल्ली में 27,800 रुपये हो गया है. मुंबई और अहमदाबाद में भी वेतन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और इसने प्रमुख जॉब हब्स के तौर पर उनके महत्व की पुष्टि की है. मुंबई में औसत वेतन 25,100 रुपये है, जबकि पुणे में 24,700 रुपये है. यह दोनों महानगरों में प्रतिस्पर्धी वेतन स्तर बनाए रखता है. इन शहरों में वेतन वृद्धि 4% से 10% तक हुई है, जिसमें औसत मासिक वेतन 21,300 रुपये और 29,500 रुपये के बीच है.

उद्योग की बात करें तो रिटेल में 8.4% की दर से उल्लेखनीय वेतन वृद्धि दर्ज हुई है और यह टॉप परफॉर्मर के तौर पर उभरा है. इस रुझान के बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (5.2%) और बीएफएसआई (5.1%) आते हैं, और यह दोनों ही क्षेत्र पेशेवरों के लिए मजबूत विकास के अवसर प्रदान कर रहे हैं. दूसरी ओर, लॉजिस्टिक्स, एफएमसीजी, हेल्थकेयर और फार्मा, और कंस्ट्रक्शन व रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों ने मध्यम वेतन वृद्धि दिखाई है. साथ ही कुशल पेशेवरों के लिए स्थिर वृद्धि दर्ज की है. सर्वाधिक वेतन देने वाले उद्योगों में टेलीकॉम (29,200 रुपये), मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर (28,200 रुपये), हेल्थकेयर और फार्मा (27,600 रुपये) तथा कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट (27,000 रुपये) शामिल हैं.

यह रिपोर्ट पिछले पांच वर्षों में वेतन वृद्धि के साथ विशिष्ट जॉब प्रोफाइल्स पर भी प्रकाश डालती है. एफएमसीजी उद्योग ने सबसे अधिक वृद्धि प्रदर्शित की है, जिसमें ट्रेनी एसोसिएट और पायलट ऑफिसर की भूमिकाएं क्रमशः 9.5% और 8% का प्रभावशाली CAGR (compound annual growth rate) दिखा रही हैं. बीएफएसआई उद्योग भी इसी राह पर है, जिसमें एचआर एक्जीक्यूटिव (7.9% CAGR) और सेल्स मैनेजर (6.6% CAGR) महत्वपूर्ण लंबी अवधि की वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं. शहरों की बात करें तो हैदराबाद में ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव (8.1% CAGR), अहमदाबाद में बैक ऑफिस एक्जीक्यूटिव (7.8% CAGR), पुणे में सेल्स मैनेजर (6.8% CAGR) और दिल्ली में डेटा कोऑर्डिनेटर (6.6% CAGR) जैसी भूमिकाएं भी मजबूत वृद्धि दर्शा रही हैं, जो उद्योगों और शहरों में कुशल पेशेवरों की व्यापक मांग को दर्शाती हैं.

रिपोर्ट के अनुसार स्थायी और अस्थायी भूमिकाओं के लिए वेतन में समानता भी दिख रही है. विशेष रूप से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट, के साथ ही एग्रीकल्चर और एग्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों में इन क्षेत्रों में वेतन भिन्नता कम है. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में केवल 6.3%, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट में 7.8%, एग्रीकल्चर और एग्रोकेमिकल्स में 7.9% और खुदरा में 8.1% का अंतर सामने आया है.

टीमलीज में सीईओ-स्टाफिंग कार्तिक नारायण ने कहा, “यह रिपोर्ट भारत के नौकरी बाजार में सकारात्मक भविष्य की तस्वीर पेश करती है, जिसमें तकरीबन सभी शहरों और उद्योगों में महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि दर्ज होती नजर आ रही है. बेंगलुरु की 9.3% वेतन वृद्धि और रिटेल की प्रभावशाली 8.4% वृद्धि विशेष कौशल की बढ़ती मांग का संकेत है, जो वेतन के रुझान को बढ़ा रही है. यह केवल वेतन वृद्धि की बात नहीं है. यह जॉब मार्केट में हो रहे गहरे बदलाव के बारे में है. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंस्ट्रक्शन व रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में स्थायी और अस्थायी भूमिकाओं के बीच वेतन अंतर कम होना दर्शाता है कि कंपनियां टेलेंट इक्विटी और लंबे समय तक योग्य कर्मचारियों को रोके रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. ये रुझान भारत में नौकरियों के भविष्य को आकार देने में अनुकूलनशीलता और विशेषज्ञता के बढ़ते महत्व को उजागर करते हैं.”

चूंकि भारत का नौकरी बाजार लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए वित्त वर्ष 23-24 के लिए जॉब्स एंड सैलरी प्राइमर रिपोर्ट विशेष कौशल की मजबूत मांग, विभिन्न भूमिकाओं में डायनामिक वेतन वृद्धि और बीएफएसआई, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में पेशेवरों के लिए उज्जवल भविष्य को दर्शाती है.

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