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बजट 2025-26: टैक्स में बड़ी छूट, किसानों को 5 लाख रु तक का लोन; बजट की मुख्य बातें

केन्द्रीय बजट 2025-26 में विकास को बढ़ावा के लिए सरकारी प्रयासों को जारी रखने, समग्र विकास को सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, परिवारिक भावनाओं को बढ़ाने और उभरते मध्यम वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाने का वादा किया गया.

हाइलाइट्स

केन्द्रीय बजट में विकास के चार ईंजनों की पहचान की गई है- कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात

वेतनभोगी करदाताओं को नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं देना होगा

MSME को गारंटी के साथ दिए जाने वाले लोन को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया

500 करोड़ रुपये के खर्च के साथ शिक्षा के लिए AI में उत्कृष्ता केन्द्र

इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया. यह उनका लगातार 8वां बजट था. इससे पहले वह लोकसभा में 6 बार वार्षिक बजट और दो बार अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं. पिछले वर्षों में सरकार द्वारा की गई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों की घोषणा ने आर्थिक विकास को बल दिया है.

केन्द्रीय बजट 2025-26 में विकास को बढ़ावा के लिए सरकारी प्रयासों को जारी रखने, समग्र विकास को सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, परिवारिक भावनाओं को बढ़ाने और उभरते मध्यम वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाने का वादा किया गया. इस बजट में प्रस्तावित विकास, उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किया गया है.

बजट में भारत की विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के लिए कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामिण विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक में परिवर्तनकारी सुधारों का लक्ष्य रखा गया है.

केन्द्रीय बजट में रेखांकित किया गया है कि कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात विकसित भारत की यात्रा के ईंजन हैं. इसमें सुधार को ईंधन के रूप में और समावेशिता की भावना को पथप्रर्दशक के रूप में रखा गया है. अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की घोषणा भी इस बजट में की गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय बजट 2025 को भारत की प्रगति के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम बताते हुए इसकी सराहना की है और विकसित भारत की दिशा में देश की यात्रा को गति देने में इसकी भूमिका पर जोर दिया है.

केंद्रीय बजट AI, खिलौना निर्माण, कृषि, फुटवियर, खाद्य प्रसंस्करण और गिग अर्थव्यवस्था सहित कई क्षेत्रों में नवाचार, उद्यमिता एवं सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करता है.

माईगव के एक एक्स पोस्ट थ्रेड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा; “यह बजट विकसित भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प को गति देगा! #ViksitBharatBudget2025”

बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

किसानों को सौगात: ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’

बजट में राज्यों की भागीदारी के साथ ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’की गई है. इसके अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया गया है जहां उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधता अपनाने, फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया.

राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा. इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी.

इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान देना है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संशोधित ब्याज योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिटों के माध्यम से मिलने वाले ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की.

‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’ के तहत MSME को मिलेगा बढ़ावा

निवेश को वृद्धि का तीसरा इंजन बताते हुए वित्त मंत्री ने लोगों, अर्थव्यवस्था और अभिनव में निवेश को प्राथमिकता दी.

लोगों में निवेश के अंतर्गत, उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में सरकारी विद्यालयों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भारतनेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ब्रॉडबेंड कनेक्टविटी प्रदान की जाएगी.

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषा पुस्तक योजना को विद्यालयों और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं के डिजिटल स्वरूप को प्रदान करने के लिए कार्यान्वित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर दी वर्ड’ विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से हमारे युवाओं को युक्त करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना की जाएंगी.

500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस में एक उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जाएगी.

बजट में घोषणा की गई कि सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल, गिग श्रमिकों के पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ ई-श्रम पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन करेंगी.

अर्थव्यवस्था में निवेश के अंतर्गत वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचा-संबंधित मंत्रालय सार्वजनिक-निजी साझेदारी मोड में परियोजनाएं के तीन वर्ष की अवधि के साथ कार्य करेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए पूंजीव्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन देने के लिए 50 वर्ष तक के ब्याज मुक्त ऋणों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव दिया गया है.

उन्होंने नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का लाभ लेने के लिए दूसरी परिसम्पत्ती मौद्रिकरण योजना 2025-30 की भी घोषणा की.

‘जनभागीदारी’ के माध्यम से ग्रामीण पाइप के माध्यम से जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, संचालन और मरम्मत पर ध्यान देने के साथ वर्ष 2028 तक जल जीवन मिशन का विस्तार किया गया है.

सरकार ‘विकास केन्द्रों के तौर पर शहरों, के रचनात्मक पुर्नविकास और जल एवं स्वच्छता’ के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने हेतु एक लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष का गठन करेंगी.

अभिनव में निवेश के अंतर्गत निजी क्षेत्र परख अनुसंधान, विकास और अभिनव पहल को कार्यान्वित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने शहरी योजना को लाभ देने हेतु बुनियादी भू-स्थैतिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राष्ट्रीय भू-स्थैतिक अभियान का प्रस्ताव दिया.

बजट में शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, प्रयोगशालाओं और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ एक करोड़ से ज्यादा पांडुलिपियों के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम् अभियान का प्रस्ताव दिया गया. ज्ञान साझेदारी के लिए भारतीय ज्ञान व्यवस्था के एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष का भी प्रस्ताव दिया गया.

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए ‘भारत ट्रेडनेट’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात को विकास का चौथा इंजन बताते हुए कहा कि क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन का शुभारंभ किया जाएगा, जिसे वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, ‘भारत ट्रेडनेट (बीटीएन)’ का व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधानों के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव दिया गया है.

वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को जोड़े रखने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएंगी. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार उद्योग 4.0 से संबंधित अवसरों का लाभ उठाने के लिए घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को सहायता प्रदान करेगी. उभरते हुए दूसरी श्रेणी के शहरों में वैश्विक क्षमता केन्द्रों को प्रोत्साहन देने के लिए एक राष्ट्रीय प्रारूप का भी प्रस्ताव दिया गया है.

सरकार जल्द खराब होने वाले बागवानी उत्पाद सहित एयरकार्गों के लिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग के उन्नयन हेतु सुविधा प्रदान करेगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों से ज्यादा समय में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए फेसलैस मूल्यांकन, करदाता चार्टर, त्वरित रिटर्न, लगभग 99 फीसदी रिटर्न स्वयं मूल्यांकन के आधार पर और विवाद से विश्वास योजना जैसे कई सुधारों को कार्यान्वित किया गया है. इन प्रयासों को जारी रखते हुए उन्होंने कर विभाग की ‘विश्वास प्रथम जांच बाद में’ वचनबद्धता को दोहराया.

वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास

‘कारोबार में आसानी’ की दिशा में सरकार की त्वरित वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने अनुपालन में आसानी, सेवाओं के विस्तार, मजबूत नियामक परिवेश को बनाने, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेश को प्रोत्साहन देने और पुराने कानूनी प्रावधानों के गैर-अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हुए भारत में सम्पूर्ण वित्तीय क्षेत्र की व्यापकता में संरचनात्मक बदलाव का प्रस्ताव दिया.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने समूचे भारत में प्रीमियम निवेश करने वाली कम्पनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया.

वित्त मंत्री सीतारमण ने सिद्धांतों पर आधारित सरल नियामक प्रारूप और उत्पादकता एवं रोजगार को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव दिया.

टैक्स में बड़ी छूट

राष्ट्र निर्माण में मध्यमवर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता में हमेशा विश्वास जताते हुए केन्‍द्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है. नई कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये तक की आय अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर 1 लाख रुपये प्रतिमाह की औसत आय पर कोई आय कर देय नहीं होगा. वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रतिवर्ष 12.75 लाख रुपये होगी. इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप नए कर संरचना के तहत सरकार को प्रत्यक्ष करों में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्‍व का परित्याग होगा.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाए हैं. प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍तावों में मध्‍यम वर्ग पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए व्‍यक्तिगत आयकर में सुधार, टीडीएस/टीसीएस को तर्कसंगत बनाना, अनुपालनों के बोझ को कम करते हुए स्‍वैच्छिक अनुपालनों को प्रोत्‍साहित करना, व्‍यवसाय करने की सुगमता और निवेश और रोज़गार बढ़ाने के लिए कुछ प्रोत्‍साहन शामिल हैं.

नई कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है:

नई कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है:

नई कर व्यवस्था में उपरोक्त कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है.

टीडीएस/टीसीएस की दरों को में बदलाव की घोषणा करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्‍याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपए से दोगुनी बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्‍ताव है. इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए प्रस्‍तावित है.

पिछले बजट में प्रस्‍तुत की गई विवाद से विश्‍वास योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिली है और इसके द्वारा लगभग 33,000 करदाताओं ने इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने विवादों का निपटारा किया है. वरिष्‍ठ और अति वरिष्‍ठ नागरिकों को लाभ देते हुए 29 अगस्‍त, 2024 को या उसके पश्‍चात् राष्‍ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) से किए गए आहरण पर छूट प्रदान करने का प्रस्‍ताव है. एनपीएस वात्‍सलय खातों के लिए भी ऐसी ही व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव है.

व्यवसाय करने की सुगमता के तहत, अंतरण मूल्‍य की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु तीन वर्षों की ब्‍लॉक अवधि के लिए अंतरराष्‍ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेन्थ मूल्‍य निर्धारण करने के लिए एक योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव है. यह योजना सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप होगी. अंतरराष्‍ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्‍तार किया जा रहा है.

सरकार गिग कामगारों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था तथा पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी.

कैंसर, दुर्लभ बीमारियों की 36 दवाएं कस्‍टम ड्यूटी फ्री

आयातित दवाईयों पर छूट देते हुए कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और संचारी बीमारियों और 36 जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्‍टम ड्यूटी (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दे दी गई है. पेटेंट असिस्‍टेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 13 नई दवाओं सहित 37 दवाईयों को भी बेसिक कस्‍टम ड्यूटी से मुक्‍त कर दिया गया है, अगर ये दवाएं मरीज को मुफ्त दी जाती है.