Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

12 साल की उम्र में डेटा साइंटिस्ट बना हैदराबाद का सिद्धार्थ

छोटा पैकेट बड़ा धमाका...

12 साल की उम्र में डेटा साइंटिस्ट बना हैदराबाद का सिद्धार्थ

Wednesday December 04, 2019 , 3 min Read

सिद्धार्थ को मौटेंजीन स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी में डेटा साइंटिस्ट के तौर पर नौकरी मिली है। विलक्षण प्रतिभा का धनी सिद्धार्थ एक गेमर है। साथ ही वह अपने पापा से प्रेरणा लेकर ड्रॉइंग भी करता है।

k

आज का दौर इंटरनेट का दौर है और वह भी तेजी से बदलता हुआ। इस दौर के बच्चों के दिमाग में हमेशा इंटरनेट घुसा रहता है। यह देखकर काफी अच्छा लगता है कि कई बच्चे कम उम्र में ही कुछ बड़ा कर रहे हैं। ऐसा खासकर आईटी के क्षेत्र में हो रहा है जहां पर बच्चे कम उम्र में ही एक बड़ा मुकाम हासिल कर रहे हैं।


ऐसा ही एक बड़ा मुकाम हैदराबाद के रहने वाले 12 साल के सिद्धार्थ श्रीवास्तव पिल्लई ने हासिल किया है। इतनी कम उम्र में सिद्धार्थ को एक बड़ी कंपनी में डेटा साइंटिस्ट के पद पर नियुक्ति मिली है। सिद्धार्थ श्री चैतन्‍य स्‍कूल में कक्षा 7 का स्‍टूडेंट है।

गूगल में काम करने वाले तन्मय बख्शी से मिली प्रेरणा

सिद्धार्थ को मौटेंजीन स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी में डेटा साइंटिस्ट के तौर पर नौकरी मिली है। विलक्षण प्रतिभा का धनी सिद्धार्थ एक गेमर है। साथ ही वह अपने पापा से प्रेरणा लेकर ड्रॉइंग भी करता है। उसके पापा ने ही उसे कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जानकारी दी।


न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सिद्धार्थ ने बताया,


'सॉफ्टवेयर कंपनी जॉइन करने के लिए मैं तन्मय बख्शी को अपनी प्रेरणा मानता हूं। तन्मय को कम उम्र में ही गूगल में डेवेलेपर के तौर पर नौकरी मिली। वह दुनिया को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कितनी अच्छी क्रांति है।'



सिद्धार्थ के मुताबिक कोडिंग सीखने में उसके पापा ने मदद की।

सफलता का सारा श्रेय पापा को

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धार्थ ने बताया,


'कम उम्र में ही मुझे ऐसी नौकरी दिलाने में जिस व्यक्ति ने सबसे ज्यादा मदद की, वह मेरे पापा हैं। वह मुझे अलग-अलग बॉयोग्राफी दिखाते और कोडिंग सिखाते थे। मैं आज जो कुछ भी हूं, वह उन्हीं की बदौलत हूं।'

यह कोई पहला मौका नहीं है जब कम उम्र में किसी शख्स को बड़ी कंपनी के साथ काम करने का मौका मिला है। 15 साल के अभिक साहा ने तो स्क्रैच से एक पूरा सर्च इंजन ही बना दिया। 


सिद्धार्थ की तरह ही मात्र 11 साल की उम्र में अभिक का झुकाव कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की ओर हो गया और 13 साल की उम्र में अभिक ने अर्नाभिक कॉर्पोरेशन नाम से वेबसाइट डिजाइन कंपनी की शुरुआत कर दी। उनके क्लाइंट्स में एक इंटरनैशल क्लाइंट भी है। मालूम हो, डेटा साइंटिस्ट बनने के लिए गणित, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजिनियरिंग में डिग्री लेनी होती है। साथ ही कोडिंग के अलावा जावा, सैस और सी++ जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का ज्ञान भी जरूरी होता है।