Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

दुति चंद के लेस्बियन होने पर भौहें मत उठाइये, गर्व कीजिए

दुति चंद के लेस्बियन होने पर भौहें मत उठाइये, गर्व कीजिए

Wednesday May 22, 2019 , 4 min Read

दुति चंद (तस्वीर साभार- डेक्कन)

बीते साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद भले ही भारत में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, लेकिन अभी भी हमारे समाज में समलैंगिक लोगों को अलग ही निगाह से देखा जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं धावक दुति चंद। 2018 में हुए एशियाई खेलों में देश को दो सिल्वर मेडल दिलाने वाली दुति चंद ने हाल ही में जब सबके सामने लेस्बियन होने की बात स्वीकार की तो लोगों में हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर खबरें तो बनीं, लेकिन जिस तरह से उनके हिम्मत की तारीफ होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई।


बीते सप्ताह रविवार को दुति चंद ने हैदराबाद में मीडिया को इंटरव्यू देते हुए यह स्वीकार किया कि वे समलैंगिक हैं और बीते पांच साल से अपने ही गांव की ही एक लड़की के साथ रिश्ते में हैं। हालांकि निजता की वजह से उन्होंने अपने पार्टरन का नाम उजागर नहीं किया। पीटीआई के हवाले से दुति ने कहा, 'मुझे कोई ऐसा साथी मिला है जो मेरा सच्चा हमसफर है। मेरा मानना है कि हर किसी को यह आजादी होनी चाहिए कि वह किसके साथ रहना चाहता है। मैंने हमेशा से उन लोगों का समर्थन किया है जो समलैंगिक संबंध में रहना चाहते हैं।'


दुति ने आगे कहा, 'यह किसी भी व्यक्ति की निजी पसंद है कि वह किसके साथ रहना चाहता है। अभी मेरा पूरा ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलिंपिक पर है लेकिन भविष्य में मैं अपने पार्टनर के साथ घर बसाना चाहूंगी।'


दुति के द्वारा की गई इस घोषणा से जहां एक तरफ उनकी तारीफें हो रही हैं तो वहीं एक तबका ऐसा भी है जिसे इससे खुशी नहीं है। सोशल मीडिया पर खबरों इसकी तस्दीक की जा सकती है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब दुति को विवादों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले उनमें टेस्टोस्टरोन हार्मोन की ज्यादा मात्रा होने की वजह से प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके बाद लोगों ने उन्हें पुरुष समझना शुरू कर दिया था। लेकिन बाद में टेस्ट हुआ और उन पर लगा प्रतिबंध भी हटा लिया गया।


दुती का जन्म 3 फरवरी 1996 को ओडिशा के जाजपुर जिले में एक बुनकर परिवार में हुआ था। उनकी प्रेरणा का स्रोत उनकी बड़ी बहन सरस्वती चंद हैं, जो राज्य स्तर पर दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि सरस्वती को अपनी छोटी बहन के इस रिश्ते से खुशी नहीं है। सरस्वती ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि दुति चंद की संपत्ति और दौलत के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।


सरस्वती ने कहा, 'बड़े ही दुख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि यह दुति का खुद का फैसला नहीं है। एक लड़की और उसके परिवार के द्वारा दुति पर शादी करने का दबाव डाला जा रहा है और यह सब सिर्फ दुति की संपत्ति और दौलत को छीनने के लिए किया जा रहा है। उसकी जिंदगी और संपत्ति खतरे में है। इसलिए मैं सरकार से अनुरोध करना चाहती हूं कि वो दुति को सुरक्षा प्रदान करवाए।'


सरस्वती से जब परिवार के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दुति बालिग है और यह उसका फैसला है कि वह किसी लड़के के साथ रहे या लड़की के साथ। लेकिन यह सब बोलने के लिए दुति पर दबाव डाला गया है। नहीं तो शादी की बातें बाद में भी की जा सकती थीं।' सरस्वती ने कहा कि जो लोग दुति के शुभचिंतक होने का दावा कर रहे हैं असल में वो दुति के दुश्मन हैं। वो दुति का करियर खराब करना चाहते हैं। 


दुति ने 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियाई खेलों में महिलाओं की 100 मीटर में रजत पदक जीता। 1998 के बाद से यह इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था। इसके पहले वे समर ओलिंपिक खेलों में अपनी जगह बनाने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं। हालांकि समर ओलिंपिक में उन्होंने खास प्रदर्शन नहीं किया था। इन दिनों दुति ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस सितंबर में कतर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई करने के लिए वे खूब मेहनत भी कर रही हैं।


यह भी पढ़ें: आईसीसी द्वारा मैच के लिए नियुक्त होने वाली पहली महिला रेफरी बनीं जीएस लक्ष्मी