Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

ओडिशा में जल गुणवत्ता जांचने के लिए सशक्त महिलाएं बनीं ‘जल योद्धा’

महिलाओं को सामुदायिक स्तर पर फील्ड टेस्ट किट की मदद से खुद जल गुणवत्ता जांचने के लिए सशक्त बनाना जल जीवन मिशन की प्राथमिकता।

ओडिशा में जल गुणवत्ता जांचने के लिए सशक्त महिलाएं बनीं ‘जल योद्धा’

Tuesday March 09, 2021 , 3 min Read

पानी की गुणवत्ता के बारे में जानना बेहद जरूरी है क्योंकि इसका सीधा संबंध लोगों की सेहत और खुशहाली से है। भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत अब महिलाओं को जल की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच करने के लिए सशक्त किया जा रहा है जहां वे खुद फील्ड टेस्ट किट्स (FTKs) की मदद से इस कार्य को बखूबी कर पाएंगी। पानी की गुणवत्ता की जांच और निगरानी के ढांचे में विभाग की तरफ से दृष्टिकोण में बदलाव आया है। इसे एक सामुदायिक अधिकार के तौर पर विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है।


इस नए दृष्टिकोण ने न सिर्फ जिम्मेदारियों में बदलाव किया है बल्कि समुदाय के साथ साझेदारी का विस्तार भी किया है। इसने इस मान्यता को तोड़ा है कि जल गुणवत्ता प्रबंधन सिर्फ इंजीनियरों का ही काम है और ये भरोसा बनाया है कि अगर सही तरीके से समुदाय को निर्देशित किया जाए तो यह काम लोग खुद भी कर सकते हैं।

पानी की गुणवत्ता की जांच करती महिला (फोटो साभार: PIB)

पानी की गुणवत्ता की जांच करती महिला (फोटो साभार: PIB)


ओडिशा के ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता (RWS&S) विभाग ने 1 से 30 नवंबर, 2020 तक चले एक माह लंबे कैंपेन के जरिए 4 लाख जल स्रोतों पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जल की गुणवत्ता का परीक्षण करके इनके कौशल को बढ़ाया। इन जल स्त्रोतों में हैंड-पंप, ट्यूब-वेल, कुंएं और जल वितरण केंद्र शामिल थे। इन स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने नमूने एकत्र किए और समुदाय की उपस्थिति में परीक्षण किया और पेयजल स्रोत में पाए गए प्रदूषण के बारे में उन्हें जागरूक किया।


सभी नमूनों जो या तो किसी हानिकारक बैक्टीरिया से या किसी रसायन से प्रदूषित थे, उन्हें पुष्टि के लिए जिला और उप-विभागीय स्तर की प्रयोगशालाओं में भेजा गया।


अभियान के क्षमता-निर्माण ढांचे के आरेखीय रूप ने यहां तक ​​कि सबसे कम साक्षर समुदायों जैसे मल्कानगिरी, नवरंगपुर, सुंदरगढ़ के लोगों को भी एफटीके का उपयोग कर जल स्रोतों के परीक्षण में मदद की। कोविड-19 महामारी के दौरान जल स्रोतों का परीक्षण सुनिश्चित करना विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण था। 12 हजार स्व-रोजगार प्राप्त मैकेनिकों और महिला स्वयं सहायता समूहों के 11 हजार से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया और इन्हें 7000 से अधिक एफटीके मुहैया करवाकर जल योद्धाओं के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया गया।


ओडिशा के ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग की प्रयोगशाला ने 105 लैब कर्मियों और ब्लॉक स्तर पर 314 जूनियर इंजीनियरों का एक समूह तैयार किया है। यह समूह सामुदायिक स्तर पर लोगों के स्वयं सहायता समूहों और स्वरोजगार प्राप्त मैकेनिकों को इस कैंपेन को चलाने में अपनी भूमिका अदा करने के लिए तैयार करेंगे।


इस दौरान इन जल योद्धाओं द्वारा 3 लाख जल स्रोतों का परीक्षण किया गया। अब विभाग के पास 11 हजार कुशल महिलाओं का कैडर है जो वर्ष में एक बार बैक्टीरियलोलॉजिकल परीक्षण और दो बार रासायनिक परीक्षण करते हैं। जल जीवन मिशन के तहत यह पहल अब और अधिक महिलाओं को पीने के पानी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगी।