SVB संकट में फंसे स्टार्टअप्स की मदद कर रहे GetVantage, Recur Club जैसे फंडिंग प्लेटफॉर्म
SVB संकट में फंसे स्टार्टअप्स को शॉर्ट टर्म कैपिटल देने के लिए Recur Club ने 15 मिलियन डॉलर का फंड बनाया है तो GetVantage 2.5 लाख डॉलर और Klubworks 4 लाख डॉलर का लोन ऑफर कर रही है.
अमेरिका में सिलिकन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने से कई स्टार्टअप्स को फंडिंग की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि रेकर क्लब(
), गेटवांटेज( ) और क्लबवर्क्स(KlubWorks) जैसे फंडिंग प्लैटफॉर्म आगे आकर ऐसे स्टार्टअप्स को तुरंत फंडिंग देकर मदद कर रहे हैं.ये कंपनियां SVB के पास फंसे डिपॉजिट्स और आगे हासिल होने वाले वर्किंग कैपिटल के बदले स्टार्टअप्स को क्रेडिट मुहैया करा रही हैं. स्टार्टअप्स को इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के साथ कनेक्ट करने वाली फिनटेक इंटरमीडिएटरी Recur Club ने बताया है कि उसने स्टार्टअप्स को तुरंत फंडिंग देने के लिए 15 मिलियन डॉलर का फंड बनाया है.
स्टार्टअप्स को आने वाले समय में हासिल होने वाली कैपिटल के बदले ये क्रेडिट दिया जा रहा है. Recur ने ऐसे स्टार्टअप्स के लिए फीस भी माफ कर दी है. रेकर को अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स से एन्क्वायरी हासिल हो चुकी है.
गुप्ता ने कहा, हम स्टार्टअप्स को इंस्टैंट नॉन-डाइल्यूटिव फाइनेंशियल सॉल्यूशन उपलब्ध कराने पर काम कर रहे हैं. ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर 48 घंटे के अंदर अंदर शॉर्ट टर्म वर्किंग कैपिटल जरूरतों और एंप्लॉयीज को समय पर वेतन देने के लिए इक्विटी में हिस्सेदारी दिए बिना तुरंत फंड मिल सके.
उधर रॉकस्टड कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर अभिषेक अग्रवाल ने कहा, ‘सिलिकन वैली बैंक जैसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन का डूबना बताता है कि असेट और लायबिलिटी के बीच बैलेंस नहीं होने के क्या नतीजे हो सकते हैं और यह एक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है. जब आप जनता के पैसे को मैनेज करते हैं तब आपको अनिवार्य रूप से नियामकीय मानदंडों के हिसाब से काम करना चाहिए.’
Y कॉम्बिनेटर के प्रेसिडेंट और सीईओ गैरी टैन ने एक ट्वीट में अनुमान लगाते हुए कहा कि स्टार्टअप्स समेत करीबन 12,000 छोटे बिजनेसेज के पास अगले 30 दिनों में अपने एंप्लॉयीज को तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं होंगे. इनमें कुछ भारतीय स्टार्टअप्स भी शामिल हैं. इस संकट के कारण 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं.
भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीबन 50 फीसदी भारतीय सॉफ्टवेयर-ऐज-अ-सर्विस SaaS कंपनियां SVB के साथ बैंकिंग कर रही थीं. हालांकि SVB संकट के चलते सीधे-सीधे कितने भारतीय स्टार्टअप्स पर असर पड़ा है अभी इसकी संख्या का खुलासा नहीं हुआ है. फिलहाल ऐसे 1000 स्टार्टअप्स के बारे में पता चला है मगर इस संख्या में बढ़ोतरी होने के आसार हैं.
एक अन्य रेकरिंग रेवेन्यू फाइनैंसिंग फर्म GetVantage भी SVB संकट से प्रभावित स्टार्टअप्स को ढाई लाख डॉलर का लोन ऑफर कर रही है. कंपनी के सीईओ भाविक वासा ने कहा कि इनमें से कई स्टार्टअप के फंडामेंटल्स काफी मजबूत हैं, अच्छा खासा रेवेन्यू जेनरेट कर रहे हैं, बस बुरी स्थिति में फंस गए हैं.
स्टार्टअप्स को किस आधार पर लोन दिया जा रहा है इस पर उन्होंने कहा कि हम काफी सख्त डेटा ड्रिवेन अंडरराइटिंग प्रोसेस को अपनाने हैं जिसके अंतर्गत फाइनेंशियल्स, बैंक स्टेटमेंट और अन्य डेटा सेट्स का गहराई से आंकलन किया जाता है और उसके बाद फैसला करते हैं कि लोन दिया जा सकता है या नहीं.
भाविक ने अपने लिंक्डइन पर पोस्ट में लिखा, फाउंडर्स और वीसी के भरोसेमंद पार्टनर सिलिकन वैली बैंक को ऐसी स्थिति में देखना काफी दुखदायी है. कई फाउंडर्स इंडिया में अपने बिजनेस, कस्टमर्स और पार्टनर्स पर संभावित असर को लेकर परेशान हैं. जिन स्टार्टअप और SaaS फाउडर्स पर SVB संकट के कारण इंडिया में उनके कामकाज पर असर पड़ा है Getvantage उनकी मदद करने को तैयार है.
उन्होंने आगे लिखा, ‘ऐसे किसी भी फाउंडर को अगर शॉर्ट टर्म फंडिंग कैपिटल की जरूरत हो तो वे [email protected] पर सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं. हमारी टीम नए कस्टमर्स की जल्द से जल्द ऑनबोर्डिंग सुनिश्चित करने और तुरंत फंडिंग उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.’
रेवेन्यू बेस्ड फाइनेंसिंग फर्म KlubWorks ने कहा कि वह SVB संकट से प्रभावित हुए स्टार्टअप्स को 48 घंटे के अंदर अंदर 4 लाख डॉलर का इमरजेंसी फंडिंग उपलब्ध करा रही है. कंपनी ने कहा, हम वर्किंग कैपिटल, इनवेंट्री फाइनैंसिंग और पेरोल जैसी सभी जरूरतों के लिए स्टार्टअप्स को शॉर्ट टर्म वर्किंग कैपिटल लोन से लेकर क्रेडिट लाइन उपलब्ध करा रहे हैं.