वित्त वर्ष 26 में 6.5% से अधिक की दर से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. Moody’s रेटिंग्स के अनुसार उच्च सरकारी पूंजीगत व्यय और कर कटौती तथा ब्याज दर में कमी से उपभोग बढ़ने से अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेज रफ्तार से बढ़ेगी.
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2025-26) में 6.5 प्रतिशत से अधिक रहेगी. मूडीज (Moody’s) रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. मूडीज ने बुधवार को कहा कि उच्च सरकारी पूंजीगत व्यय और कर कटौती तथा ब्याज दर में कमी से उपभोग बढ़ने से अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेज रफ्तार से बढ़ेगी.
बैंकिंग क्षेत्र के लिए स्टेबल आउटलुक का अनुमान लगाते हुए मूडीज ने कहा कि हालांकि अगले वित्त वर्ष में भारतीय बैंकों का परिचालन वातावरण अनुकूल बना रहेगा, लेकिन हाल के वर्षों में पर्याप्त सुधार के बाद उनकी परिसंपत्ति की गुणवत्ता में मामूली गिरावट आएगी तथा बिना गारंटी वाला खुदरा ऋण, सूक्ष्म वित्त ऋण और छोटी कारोबारी ऋण पर कुछ दबाव रहेगा.
बैंकों की लाभप्रदता पर्याप्त बनी रहेगी क्योंकि मामूली दरों में कटौती के बीच शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में गिरावट मामूली रहने की संभावना है. मूडीज ने कहा कि 2024 के मध्य में एक अस्थायी नरमी के बाद, भारत की आर्थिक वृद्धि में फिर से तेजी आने की उम्मीद है और यह वैश्विक स्तर पर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज दरों में से एक दर्ज करेगी.
मूडीज के अनुसार, “सरकारी पूंजीगत व्यय, उपभोग को बढ़ावा देने के लिए मध्यम वर्गीय आय समूहों के लिए कर कटौती और मौद्रिक सुगमता से भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी. इसके चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.”
वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी. जुलाई-सितंबर 2024 की तिमाही में देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर धीमी होकर 5.6 प्रतिशत रह गई, जो अगली तिमाही में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई. मूडीज को उम्मीद है कि भारत की औसत मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष के 4.8 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत रह जाएगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मई, 2022 से फरवरी, 2023 तक अपनी नीति दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की, जिसके कारण धीरे-धीरे उधारकर्ताओं के लिए ब्याज दरों में वृद्धि हुई है. आरबीआई ने फरवरी, 2025 में अपनी नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया.