देश में बढ़ रही है प्रति व्यक्ति आय, पर कोविड पूर्व समय से हम अब भी बहुत पीछे
कोविड की मार झेलने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. कल जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में 7.5 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है.
भारत सरकार ने कल जो आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक देश में प्रति व्यक्ति आय में पिछले साल के मुकाबले 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी भी यह आंकड़े उस नंबर से बहुत पीछे है, जो कोविड महामारी फैलने के पहले था.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में स्थिर कीमतों पर वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 91,4481 रु. रही, जो पिछले साल से ज्यादा, लेकिन कोविड काल के स्तर से काफी नीचे है. स्थिर मूल्य पर नेट नेशनल इनकम (एनएनआई) यानि शुद्ध राष्ट्रीय आय पिछले वित्त वर्ष 2020-2021 के मुकाबले नए वित्त वर्ष 2021-22 में 7.5 प्रतिशत बढ़ी है.
कोविड महामारी फैलने से पहले भारत की कुल राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय वर्तमान समय के मुकाबले काफी ज्यादा थी. कोविड ने अर्थव्यवस्था को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है. इसकी सबसे ज्यादा मार झेलनी पर असंगठित क्षेत्रों, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर और हॉस्पिटैलिटी बिजनेस को.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आंकड़ों के मुताबिक कोविड की दूसरी लहर में 1 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोईं और भारत के तकरीबन 97 फीसदी घरों की सालाना आय में कमी आई. कोविड के अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव ने भारत के तकरीबन हर घर पर किसी न किसी रूप में असर डाला है.
ऐसे में बड़े स्तर पर इसका प्रभाव प्रति व्यक्ति आय से लेकर कुल राष्ट्रीय आय तक पर पड़ा है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले हुई 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी इस बात का भी संकेत है कि भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.
स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2019-20 में 94,270 रु. थी, जो लॉकडाउन के असर के बाद वित्त वर्ष 2020-21 में घटकर 85,110 रु. हो गई. वहीं मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2019-20 में 1.32 लाख करोड़ रु. थी, जो वर्ष 2020-21 में घटकर 1.27 लाख करोड़ रु. हो गई. इस वित्त वर्ष यानि 2021-22 में मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय में 18.3 फीसदी का इजाफा हुआ है और अब यह बढ़कर 1.5 लाख रु. हो गई है.
कल सरकार द्वारा जारी इन आंकड़ों के मुताबिक गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 4.1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है. हालांकि यह ग्रोथ रेट तीसरी तिमाही के मुकाबले कम है, लेकिन इस दर को देखते हुए अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस पूरे वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.7 प्रतिशत रह सकती है. वास्तविक स्थिति तो वित्त वर्ष पूरा होने के बाद ही समझ में आएगी.
इसके साथ ही सरकार ने कोर सेक्टर से जुड़े आंकड़े भी जारी किए हैं, जिसके मुताबिक पिछले महीने अप्रैल में कोर सेक्टर के उत्पादन में 8.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी, स्टील, सीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी, फर्टिलाइजर आदि वह क्षेत्र हैं, जो कोर सेक्टर के अंतर्गत आते हैं.
इस बार बिजली और कोयले के उत्पादन में सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है. साथ ही पेट्रोलियम की खपत में भी तेजी आई है. हालांकि स्टील और कच्चे तेल के क्षेत्र में कोई बढ़त दर्ज नहीं हुई है, लेकिन बाकी सभी सेक्टर्स की स्थिति में सुधार हो रहा है.
Edited by Manisha Pandey