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70 वर्ष की उम्र में पारंपरिक खेती छोड़ शुरू कर दी नींबू की खेती, कमा रहे हैं लाखों रुपए

गुजरात राज्य के सुरेन्द्रनगर इलाके के रहने वाले हमीर सिंह परमार ने ट्रैडीशनल फार्मिंग की राह छोड़ बागवानी में हाथ आजमाए। इस काम की शुरुआत उन्होंने महज तीन एकड़ जमीन के साथ की थी।

70 वर्ष की उम्र में पारंपरिक खेती छोड़ शुरू कर दी नींबू की खेती, कमा रहे हैं लाखों रुपए

Friday April 29, 2022 , 3 min Read

‘उम्र का मोड़ कोई भी हो, बस धड़कनों में जीत का नशा जिंदा होना चाहिए।’ 70 वर्षीय सुरेन्द्रनगर के रहने वाले हमीर सिंह के अंदर आज भी जिंदगी जीने और कुछ नया करने की चाह जिंदा है। तभी तो खेती जैसे कड़ी मेहनत वाले काम में आज भी प्रयोग करते रहते हैं। उनके इसी अंदाज ने उन्हें आज लखपति बना दिया।

तीन एकड़ जमीन से की थी शुरुआत

गुजरात राज्य के सुरेन्द्रनगर इलाके के रहने वाले हमीर सिंह परमार ने ट्रैडीशनल फार्मिंग की राह छोड़ बागवानी में हाथ आजमाए। इस काम की शुरुआत उन्होंने महज तीन एकड़ जमीन के साथ की थी। गौरतलब है कि जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट का प्लान करने लगते हैं उम्र के पड़ाव में हमीर सिंह परमार ने खुद के लिए नया चैलेंज तैयार किया और कड़ी मेहनत की शुरुआत की। आज उनकी गिनती गुजरात के सफल किसानों में शुमार है।

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दस साल पहले की थी इस काम की शुरुआत

हमीर सिंह ने इस काम की शुरुआत आज से करीब दस साल पहले शुरू कर दी थी। तब उन्होंने नींबू का बगीचा तैयार करने के लिए तीन एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया और हजारों पेड़ लगाए थे। उनकी मेहनत आज रंग ला रही है। परमार न केवल स्वयं अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि अपने काम से कई अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं।

बिहार में एक किसान से हुए थे प्रभावित

हमीर परमार एक इंटरव्यू में कहते हैं, “करीब 12 वर्ष पहले मैंने बिहार की यात्रा पर था, तब मेरी मुलाकात बिहार के रहने वाले अभिताप सिंह से हुई थी जो पेशे से खुद भी एक किसान ही थे। वे झालावाड़, चूड़ा सहित कई अन्य इलाकों में प्राकृतिक खेती करते थे। इस करण कमर्शियल फ़ार्मिंग में उन्हें अच्छी जानकारी भी थी। उन दिनों अभिताप ने ही मुझे पारंपरिक खेती छोड़ नेचुरल फार्मिंग करने की सलाह दी और बताया कि नींबू की खेती से बढ़िया मुनाफा कमाया जा सकता है।” 

नींबू का बगीचा

नींबू का बगीचा

पहली फसल में मिला दस गुना मुनाफा

हमीर सिंह परमार ने बगीचा तैयार करते समय पहले केवल 226 नींबू के पड़े लगाए थे जिसके लिए उन्हें 26 रुपए देने पड़े थे। इसके अलावा कुछ पैसा खेत और कुछ पैसों का व्यय खाद और पानी के काम में भी हुआ था। इन सब खर्चों को जोड़कर पहली फसल में दस हजार रुपए का खर्च हुआ था।

इस फसल को सीजन में बेचने पर करीब एक लाख रुपए की कमाई हुई थी जिसके बाद हमीर सिंह ने कभी वापस पलटकर नहीं देखा। सत्तर वर्षीय इस शख्स को आज साल में लगभग पाँच लाख रुपए की कमाई हो रही है।

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नींबू का बनाने लगे आचार, कर रहे हैं मार्केटिंग

खेतों में नींबू की फसल अच्छी हो रही थी। इससे नींबू का प्रोडक्शन भी बड़ गया। लोकल मार्केट में खपत कम होने के करण उन्होंने उन्ही का इस्तेमाल आचार बनाने में शुरू कर दिया। इससे नुकसान भी बचने लगा। हमीर ने मार्केटिंग कर उसके व्यापार करने में हाथ आजमाया। इस काम में भी उन्हें काफी सफलता मिल रही है।


Edited by Ranjana Tripathi