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शुक्रिया झूलन गोस्वामी और सॉरी हमने आपको सचिन या कपिल की तरह सेलेब्रेट नहीं किया

क्रिकेट के मारे और महिला क्रिकेट को क्रिकेट न समझने वाले हमारे देश में महिला क्रिकेटरों की प्रतिभा और उपलब्धियाँ अक्सर अलक्षित रह जाती हैं. वन डे क्रिकेट में विकेट लेने का वर्ल्ड रिकार्ड बनाने वाली चैम्पियन गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी का रिटायरमेंट एक मौक़ा है उस गलती को सुधारने का.

शुक्रिया झूलन गोस्वामी और सॉरी हमने आपको सचिन या कपिल की तरह सेलेब्रेट नहीं किया

Sunday September 25, 2022 , 3 min Read

क़दमों की गति में वेस्ट इंडीज के ख़लीफ़ा तेज़ गेंदबाजों वाला लालित्य और लम्बे अभ्यास से हासिल किया गया विनम्र अनुशासन - झूलन गोस्वामी का बॉलिंग रनअप देखने की चीज़ था. शास्त्रीय नृत्य सरीखे इस सधे हुए रनअप की खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई थी जब कल लॉर्ड्स के मैदान पर उसने अपने वन-डे करियर की दस हजारवीं गेंद फेंकी. वह मैच में उसके आख़िरी ओवर की पहली गेंद थी.

फुल लेंग्थ वाली सीधी दूसरी गेंद में हल्की हवा जितना इनस्विंग था और हथेली की जादूगरी से किया गया रफ़्तार में बदलाव का कमाल. कैथरीन क्रॉस का बल्ला जब तक गेंद की पिच तक पहुंचता गेंद उसके लेग स्टम्प से टकरा चुकी थी – क्लीन बोल्ड! बच्चों जैसी निश्छल हंसी झूलन के चेहरे पर पसरना शुरू हुई. साथियों ने उसे घेर लिया.

यह उसका 255वां विकेट था. सबसे ज्यादा विकेट का उसका यह वर्ल्ड रेकॉर्ड लम्बे समय तक बना रहने वाला है. दूसरे नंबर पर अपने करियर के आखिरी दौर में खेल रही साउथ अफ्रीकन शबनम इस्माइल है जो उससे 64 विकेट पीछे है.

अपनी टीममेट्स के बीच झुलू दी के नाम से जानी जाने वाली इस शानदार एथलीट ने कैथरीन क्रॉस का विकेट लेने के बाद चार गेंदें और फेंकीं. चारों डॉट गईं. ओवर ख़त्म हो जाने पर फिर से सारी टीममेट्स ने झूलन को घेर लिया और एक-एक कर उसके गले से लगीं. वह घोषणा कर चुकी थी कि यह उसके करियर का आख़िरी ओवर होगा.

डायना एडुलजी से लेकर अंजुम चोपड़ा और शांता रंगास्वामी से लेकर मिताली राज तक कितने ही जगमग नामों से भरे भारतीय महिला क्रिकेट में अपने लिए जो मुकाम झूलन गोस्वामी ने पैदा किया है वह किसी भी खिलाड़ी के भीतर ईर्ष्या पैदा कर सकता है.

क्रिकेट के मारे और महिला क्रिकेट को क्रिकेट न समझने वाला हमारे देश का खेलप्रेमी ड्रीम इलेवन में पचास रुपये लगाना नहीं भूलता. यह अलग बात है कि कुछ खास प्लेटफ़ॉर्म्स को छोड़ उसके रिटायरमेंट की चर्चा तक कहीं नहीं हुई.

बीस साल के अपने चमकदार करियर में झूलन हमेशा मुस्तैद और विनम्र नज़र आईं. बीते कई वर्षों से मैंने क्रिकेट देखना तकरीबन बंद किया हुआ है लेकिन जब कभी, जहाँ कहीं झूलन स्क्रीन पर नज़र आईं, ध्यान लगाकर मैंने खुद को वहीं टिका पाया. बंगाल के चाकदहा नाम के छोटे से कस्बे में पैदा हुई यह लम्बे कद वाली सांवल स्त्री अक्सर मुझे दुनिया के सबसे बड़े चैम्पियनों में से एक लगी है. सुन्दर तो वह है ही.

शुक्रिया झूलन.