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पौधों में भी होता है 2जी, 3जी, 4जी... जानिए खेती में कैसे ये तकनीक कराती है तगड़ा मुनाफा

बात भले ही खेती की हो या किचन गार्डनिंग की, 2जी-3जी तकनीक बड़े काम आती है. इसकी मदद से पौधों से अधिक पैदावार हासिल की जाती है और तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है.

पौधों में भी होता है 2जी, 3जी, 4जी... जानिए खेती में कैसे ये तकनीक कराती है तगड़ा मुनाफा

Tuesday December 27, 2022 , 3 min Read

कोई किसान हो या किचन गार्डनिंग (Kitchen Gardening) का शौक रखने वाला कोई आम आदमी. हर किसी को खेती के कुछ टिप्स (how to do 2G 3G Cutting) पता होने बहुत जरूरी हैं. इनमें से ही एक टिप्स (Kitchen Gardening Tips) है पौधों की कटिंग से जुड़ा, जिसे 2जी, 3जी कटिंग कहा जाता है. इस कटिंग से आप अपने पौधों से अधिक सब्जियां पा सकते हैं. इसके तहत आपको ये पता होना चाहिए कि पौधों को कब और कहां से काटना है. आइए आपको बताते हैं कैसे छोटे से पौधे से ढेर सारी सब्जियां ली जाएं.

क्या होता है 2जी, 3जी?

किसी भी पौधे की जो पहली शाखा होती है, वह पहली पीढ़ी यानी पहली जनरेशन होती है, जिसे 1जी कहते हैं. उस शाखा से जो शाखाएं निकलती हैं, वह दूसरी जनरेशन होती है, जिसे 2जी कहा जाता है. वहीं दूसरी जनरेशन वाली शाखा से जो शाखाएं निकलती हैं, वह तीसरी जनरेशन कहलाती है, जिसे 3जी कहते हैं. इसी तरह आगे की शाखाएं 4जी और 5जी कहलाती हैं. हालांकि, सबसे बेहतर 2जी और 3जी कटिंग ही होती हैं.

कैसे की जाती है 2जी, 3जी कटिंग?

जब पौधे की शाखा लगभग 1 मीटर लंबी हो जाती है और उसमें 6-7 पत्तियां दिखने लगती हैं तो उसके ऊपरी हिस्से को काट दिया जाता है. इसके बाद वह शाखा और नहीं बढ़ पाती और दूसरी जनरेशन की शाखाएं निकलने लगती हैं. इन शाखाओं को भी 1 मीटर का होने पर काट देना चाहिए, जिससे उनसे तीसरी जनरेशन की शाखाएं निकलना शुरू हो जाती हैं.

क्या होता है इस कटिंग का फायदा?

पहली जनरेशन की शाखा में जो फूल लगते हैं, वह मेल फ्लावर होते हैं. यहां आपको बता दें कि मेल फ्लावर से फल नहीं बनते हैं, बल्कि फीमेल फ्लावर से फल बनते हैं. दूसरी जनरेशन की शाखा में हर दूसरी पत्ती के पास फीमेल फ्लावर होता है, यानी फल लगने के चांस काफी अधिक होते हैं. वहीं तीसरी जनरेशन की हर पत्ती के पास फीमेल फ्लावर लगते हैं. यानी जितने ज्यादा फीमेल फ्लावर, उतने ज्यादा फल.

किन पौधों में होती है 2जी, 3जी कटिंग?

3जी कटिंग उन सभी पौधों में हो सकती है, जिसमें अधिक शाखाएं निकलती हैं. यानी हर बेल वाली सब्जी की 3जी कटिंग की जा सकती है, जैसे लौकी, खीरा, कद्दू, ककड़ी, करेला आदि. इस तरह आप सिर्फ कटिंग के जरिए अधिक फल पा सकते हैं. इन कटिंग का इस्तेमाल तमाम किसान अधिक से अधिक मुनाफा कमाना के लिए करते हैं.