Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कैसे कोटा का एग्रीटेक स्टार्टअप Eeki भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है

अमित कुमार और अभय सिंह ने एक ऑटोमेटेड फार्मिंग टेक्नोलॉजी तैयार की है जो पानी की बर्बादी को 80% तक कम करती है और विकास माध्यम के रूप में मिट्टी की आवश्यकता को कम करती है, साथ ही स्वस्थ, लागत प्रभावी और कीटनाशक मुक्त उपज में मदद करती है.

कैसे कोटा का एग्रीटेक स्टार्टअप Eeki भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है

Friday September 15, 2023 , 6 min Read

खेती ने हमेशा भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश की आधी से अधिक आबादी के लिए आजीविका का सृजन होता है. चूँकि अधिकांश किसान अभी भी पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग कर रहे हैं, एग्रीटेक इंडस्ट्री अगले दशक में बढ़ने की ओर अग्रसर है. कोविड-19 महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं के डिजिटलीकरण अभियान के बाद विकास को गति मिली है.

2027 तक एग्रीटेक सेक्टर के 50% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है. हितधारकों को आने वाले दशक में इस सेक्टर में 100 बिलियन डॉलर मूल्य जोड़ने और संभावित रूप से किसानों की शुद्ध आय में 150% की वृद्धि होने की उम्मीद है.

एग्रीटेक स्टार्टअप Eeki Foods उन कंपनियों में से एक है, जो उस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं. 2018 में को-फाउंडर और सीओओ अमित कुमार और को-फाउंडर और सीईओ अभय सिंह द्वारा स्थापित, Eeki अपने पेटेंट ग्रोइंग चैंबर्स और IoT कंट्रोल मैकेनिज्म के जरिए खेती करने के तरीकों को डिजिटल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहा है. भूमि मालिकों और कृषि भागीदारों के सहयोग से खेती करते हुए, Eeki की नवीन कृषि तकनीकों से स्वस्थ, लागत प्रभावी और कीटनाशक मुक्त उत्पादन होता है, जिसमें एक एकड़ खेत प्रति वर्ष 160 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन करने में सक्षम होता है.

IIT-बॉम्बे से ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद खेती और कृषि के लिए एक स्थायी समाधान बनाने में मदद करने में दोनों की रुचि शुरू हो गई और उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए काम करना शुरू कर दिया - सिंह प्रोडक्ट डिजाइन, IoT और ऑटोमेशन में, और कुमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग और बिजनेस डेवलपमेंट में.

कुमार कहते हैं, “IIT-बॉम्बे में अपने समय के दौरान, हमने रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के क्षेत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते. जब हमने काम करना शुरू किया, तो हमें लगा कि हम अपने जीवन में और भी बहुत कुछ कर सकते हैं. हम हमेशा ऐसी टेक्नोलॉजी बनाने को लेकर उत्साहित थे जो दशकों तक चलती रहे और वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान करती हो. बहुत सारे शोध और जमीनी काम के बाद, अभय और मैंने पाया कि उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की कमी और बदलती जलवायु दुनिया भर में बड़े मुद्दे हैं जिन्हें जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए. परिणामस्वरूप, हमने नौकरी से अपना इस्तीफा देने और अपना सारा समय इस प्रयास में लगाने का फैसला किया."

देश भर में यात्रा करते हुए, किसानों से मिलते हुए, और भारत की जलवायु और फसल उत्पादन पर इसके प्रभावों पर शोध करते हुए, दोनों फाउंडर्स ने वर्तमान कृषि पद्धतियों में अंतर के बारे में सीखा. उन्हें एक औसत भारतीय किसान के सामने आने वाली समस्याओं का एहसास हुआ और उन्होंने पाया कि नई एग्री टेक्नोलॉजी कैसे कमियों को दूर करने में मदद कर सकती हैं.

दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ दी और 2018 की शुरुआत में कोटा, राजस्थान में बेस तैयार किया और छत पर पॉलीहाउस लगाकर अपना शोध शुरू किया. साल के अंत तक Eeki को इनकॉर्पोरेट करते हुए, सिंह और कुमार ने अपनी खेती की तकनीक विकसित करने के लिए तीन साल तक अपना शोध जारी रखा.

सिंह कहते हैं, “सबसे पहले, हमारी योजना विदेशी सब्जियों पर शोध करने और सफल होने के बाद कारोबार बढ़ाने के लिए एक बड़े शहर में जाने की थी. लेकिन अपने संचालन के पहले वर्ष के दौरान, हमने बहुत से लोगों से बातचीत की और पाया कि भारतीय लोग विदेशी सब्जियां खाने के इच्छुक नहीं हैं; इसके बजाय वे दैनिक उपभोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाली, रोजमर्रा की सब्जियां जैसे टमाटर, खीरे, मिर्च और अन्य चाहते हैं.”

Eeki के पेटेंट किए गए ग्रोइंग चैंबर्स को एक पॉलिमर कंपोजिट से बनाया गया है जो पौधे की जड़ों को इस तरह नियंत्रित करता है कि यह मिट्टी या कोको-पीट की जरुरत को खत्म कर देता है. पौधों की जड़ें सीधे हवा में लटकी रहती हैं, जिससे मिट्टी से होने वाले संक्रमण का खतरा दूर हो जाता है. एक खेत के लिए सभी महत्वपूर्ण कार्य, जैसे कि सिंचाई, जलवायु प्रबंधन और डेटा मैनेजमेंट, भी IoT डिवाइसेज के जरिए पूरी तरह से ऑटोमेट होते हैं जो एक सेंसर, एक मास्टर डिवाइस और एक नियंत्रक के साथ तीन-बिंदु प्रणाली के माध्यम से दैनिक आधार पर खेत के महत्वपूर्ण कार्यों की निगरानी करते हैं.

स्वचालित सिंचाई प्रणाली पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से समृद्ध आरओ-शुद्ध पानी को नियमित अंतराल पर पानी की टंकी से बढ़ते कक्षों तक पहुंचाती है, जिससे खेतों को 80% से अधिक पानी बचाने में मदद मिलती है.

कुमार कहते हैं, “Eeki कृषि साझेदारों के साथ मिलकर खेत तैयार करता है, जहां वे शुरुआती सेटअप के लिए या तो जमीन और पूंजी लाते हैं, या सिर्फ पूंजी लाते हैं जहां Eeki के स्वामित्व वाली भूमि पर खेत तैयार किया जाता है. दोनों स्थितियों में, कृषि साझेदारों को नियमित और निश्चित रिटर्न प्राप्त होता है, जो कर दायित्व से मुक्त होता है."

Eeki के वर्तमान में चार खेत हैं, जहां खेती जारी है. तीन राजस्थान में और एक हरियाणा में, जो सात एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. लगभग 37 एकड़ Eeki खेती निर्माणाधीन है, जिसमें 20 और 15 एकड़ के दो बड़े खेत शामिल हैं. Eeki टीम ने स्वयं तेजी से प्रगति की है और पिछले वर्ष के भीतर 80 से बढ़कर 180 हो गई है. को-फाउंडर्स की योजना अपने कृषि क्षेत्र को भी उतनी ही तेजी से बढ़ाने की है.

राज्य सरकार के iStart Rajasthan कार्यक्रम द्वारा मान्यता प्राप्त होने से एग्रीटेक फर्म को कारोबार का विस्तार करने में भी मदद मिली. कुमार कहते हैं, "iStart ने कई तरीकों से Eeki के विकास में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे 20 लाख रुपये का टेक्नो फंड (निवेश) प्रदान करना, हमें अन्य संभावित निवेशकों के साथ संबंध बनाने में मदद करना और iStart कार्यक्रम के माध्यम से सरकारी अनुदान हासिल करना."

भविष्य के लिए कंपनी के दृष्टिकोण पर, सिंह कहते हैं कि Eeki की योजना भारत के विभिन्न क्षेत्रों में हजारों एकड़ एग्री क्लस्टर तैयार करने की है. वे कहते हैं, "अपनी इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के साथ, हमारा लक्ष्य विभिन्न प्रकार की भारतीय मुख्य सब्जियों की खेती करना और उन्हें सभी के लिए सुलभ बनाना और ग्रामीण अकुशल श्रमिकों के लिए सैकड़ों रोजगार के अवसर पैदा करना है." उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी कृषि तकनीकों और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है.

(Translated by: रविकांत पारीक)


Edited by रविकांत पारीक