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भारत में क्लाउड, AI इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अगले दो साल में 3 अरब डॉलर का निवेश करेगी Microsoft

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन एवं सीईओ सत्य नडेला ने कहा, “भारत बहुत तेजी से एआई इनोवेशन के मामले में अग्रणी राष्ट्र बन रहा है और पूरे देश में नए अवसर खुल रहे हैं. आज इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कौशल विकास में निवेश की हमारी यह घोषणा भारत को एआई-फर्स्ट नेशन बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती देती है. ”

अपनी भारत यात्रा के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन एवं सीईओ सत्य नडेला ने आज भारत में निवेश को लेकर कंपनी की योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने बताया कि कंपनी अगले दो साल में भारत के क्लाउड एवं एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा कौशल विकास में 3 अरब डॉलर का निवेश करेगी. इसमें नए डाटा सेंटर्स की स्थापना भी शामिल है. इस निवेश का लक्ष्य भारत में एआई इनोवेशन को गति देना है, जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के लिए बहुत अहम है. अगले पांच साल में 1 करोड़ लोगों को एआई स्किल्स में प्रशिक्षित करते हुए माइक्रोसॉफ्ट भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में भी योगदान देगी. यह प्रशिक्षण इसके एडवांटेज (ADVANTA(I)GE) इंडिया प्रोग्राम के दूसरे संस्करण के तहत प्रदान किया जाएगा.

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन एवं सीईओ सत्य नडेला ने कहा, “भारत बहुत तेजी से एआई इनोवेशन के मामले में अग्रणी राष्ट्र बन रहा है और पूरे देश में नए अवसर खुल रहे हैं. आज इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कौशल विकास में निवेश की हमारी यह घोषणा भारत को एआई-फर्स्ट नेशन बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती देती है. इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि देशभर के लोगों एवं संस्थानों को व्यापक लाभ हो.”

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया एंड साउथ एशिया के प्रेसिडेंट पुनीत चंडोक ने कहा, “पिछले 12 महीनों में माइक्रोसॉफ्ट के कोपायलट ने भारत में एआई को एक वास्तविकता बना दिया है. इसने एआई को बोर्डरूम से क्लासरूम, कॉमर्स से कम्युनिटी और फाइनेंस से फार्मर्स (किसान) तक पहुंचा दिया है. आज की घोषणा भारत की क्षमता में हमारे विश्वास को दिखाती है. इससे भारत को ग्लोबल मार्केटप्लेस में आगे बढ़ने के लिए जरूरी संसाधनों एवं फ्यूचर-रेडी स्किल्स से लैस करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी मजबूती मिली है. हम अगले कुछ दशक में नई संभावनाओं को तलाशने में एआई का प्रयोग करते रहेंगे. साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि एआई के इस युग में आगे बढ़ने के लिए जरूरी संसाधनों तक देश के हर समुदाय की पहुंच आसान हो.”

भारत को बना रहे एआई-फर्स्ट और जिम्मेदारी के साथ कर रहे एआई का विस्तार

जिम्मेदार एआई को लेकर माइक्रोसॉफ्ट का एप्रोच छह मूल सिद्धांतों पर टिका है: निष्पक्षता, विश्वसनीयता व बचाव (सेफ्टी), निजता व सुरक्षा (सिक्योरिटी), समावेश, पारदर्शिता और जवाबदेही. यह निवेश एआई के क्षेत्र में नेतृत्वकर्ता के रूप में माइक्रोसॉफ्ट की बढ़ती भूमिका एवं जिम्मेदारी को दर्शाता है. माइक्रोसॉफ्ट अपनी एआई टेक्नोलॉजी को विस्तार देने के लिए काम कर रही है, जिससे संस्थानों एवं लोगों को समाज के हित में एआई के प्रयोग एवं समाधान तैयार करने में मदद मिले. माइक्रोसॉफ्ट अपने एआई एक्सेस प्रिंसिपल्स के तहत और उद्योग में अग्रणी व जवाबदेह एआई सिद्धांतों के अनुरूप अपनी एआई सर्विसेज एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर का संचालन करेगी.

माइक्रोसॉफ्ट देशभर में डाटासेंटर कैंपस में अपने क्लाउड एवं एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करेगी. अभी माइक्रोसॉफ्ट के तीन डाटासेंटर हैं और 2026 तक चौथा डाटासेंटर भी परिचालन में आ जाएगा. इस निवेश का लक्ष्य भारत में तेजी से बढ़ते एआई स्टार्टअप्स एवं रिसर्च कम्युनिटी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऐसा एआई कंप्यूटिंग इकोसिस्टम तैयार करना है, जिसे जरूरत के हिसाब से विस्तार दिया जा सके.

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एडवांटेज (ADVANTA(I)GE) इंडिया: 2030 तक 1 करोड़ भारतीयों को जरूरी एआई कौशल में करेंगे प्रशिक्षित

जैसे-जैसे रोजगार की प्रकृति बदल रही है, प्रोफेशनल्स के लिए एआई एक जरूरी स्किल बनता जा रहा है. भारत के प्रोफेशनल्स लिंक्डइन पर सीखने एवं कौशल विकास के मामले में सबसे आगे हैं. ये लोग अन्य प्रोफेशनल्स की तुलना में हर हफ्ते सीखने पर करीब 50 प्रतिशत अधिक समय लगा रहे हैं. इन्होंने एआई को शुरुआती स्तर पर अपनाया है. अपने प्रोफाइल में एआई स्किल्स को जोड़ने के मामले में भारतीय सदस्यों ने सालाना 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसका वैश्विक औसत 71 प्रतिशत है.

2024 में माइक्रोसॉफ्ट ने एडवांटेज (ADVANTA(I)GE) इंडिया पहल की शुरुआत की थी, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2025 तक 20 लाख भारतीयों को एआई कौशल में प्रशिक्षित करना था. सभी भारतीयों को एआई में समान अवसर देने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने सालभर में लक्ष्य से आगे बढ़ते हुए 24 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया है. उल्लेखनीय रूप से इसमें 65 प्रतिशत प्रतिभागी महिलाएं थीं और 74 प्रतिशत लोग टियर 2 एवं टियर 3 शहरों से थे. ये आंकड़े ट्रेनिंग कवरेज में समावेश को दिखाते हैं.

आज कंपनी ने 2030 तक 1 करोड़ भारतीयों को एआई स्किल्स में प्रशिक्षित करने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है. एडवांटेज (ADVANTA(I)GE) इंडिया माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल स्किल्स फॉर सोशल इम्पैक्ट चार्टर का हिस्सा है. इसके तहत सरकार, गैर लाभकारी संगठनों व कॉरपोरेट संस्थानों और समुदायों के साथ मिलकर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा, “एआई के भविष्य को आकार देने में भारत के उत्साही युवाओं एवं टेक प्रतिभाओं की अहम भूमिका है. ‘एआई फॉर इंडिया’ मिशन में हमारा लक्ष्य लोगों को अत्याधुनिक एआई कौशल से सशक्त करना, इनोवेशन को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और डिजिटल विभाजन को मिटाना है. माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनियों के साथ गठजोड़ इस बदलाव के लिए अहम है. अपने कार्यबलों, विशेषरूप से महिलाओं एवं युवाओं को एडवांस्ड स्किल्स प्रदान करते हुए हम एआई-रेडी भारत का निर्माण कर रहे हैं, जो डिजिटल लीडरशिप एवं सतत आर्थिक विकास के लिए तैयार है.”

डेवलपर्स, स्टार्टअप्स एवं डिजिटल नेटिव्स के लिए भारत में एआई इकोसिस्टम को दे रहे गति

माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च (एमएसआर) लैब्स ने भारत में एआई इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए एआई इनोवेशन नेटवर्क बनाने की घोषणा की है. एआई इनोवेशन नेटवर्क के तहत एमएसआर नए गठजोड़ करेगा, विशेषरूप से डिजिटल नेटिव्स के साथ, जिससे रिसर्च के बाद वास्तविक एवं प्रयोग किए जा सकने वाले सॉल्यूशंस तैयार करने की प्रक्रिया को गति मिले.

एमएसआर ने मैथ रीजनिंग के लिए फिजिक्सवाला से गठजोड़ की शुरुआत की है. साथ ही कैजुअल इनफेरेंस, इंडिक एलएलएम को ऑप्टिमाइज करने, प्रोम्प्ट ऑप्टिमाइजेशन और रीइन्फोर्समेंट लर्निंग जैसे विषयों पर अन्य डिजिटल नेटिव्स से भी बात चल रही है.

फिजिक्सवाला के सह-संस्थापक प्रतीक माहेश्वरी ने कहा, “हमने शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने में टेक्नोलॉजी की ताकत को हमेशा स्वीकार किया है. माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च के साथ हमारा गठजोड़ ऐसे टूल्स बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, जो हर बच्चे के सीखने की प्रक्रिया को समझे और उनका सहयोग करे. अपनी विशेषज्ञता को एआई एवं लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स में माइक्रोसॉफ्ट के एडवांसमेंट के साथ मिलाकर हम शिक्षा को ज्यादा सुगम, वैयक्तिक और प्रभावी बना रहे हैं. हम साथ मिलकर सार्थक तरीके से छात्रों को सशक्त करने के लिए काम कर रहे हैं.”

एमएसआर इंडिया ने लंबे समय तक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करने (जैसे- कृषि में एआई के लिए डिजिटल ग्रीन और हेल्थकेयर में एवरवेल) और ओपन सोर्सिंग रिसर्च टेक्नोलॉजी विकसित करने (जैसे – मेडिकल डायग्नोस्टिक्स में रेमीडियो और ट्रांसपोर्टेशन इन्फॉर्मेटिक्स में सॉफ्टएक्स टेक्नोलॉजीज) के क्षेत्र में काम किया है. नए एआई इनोवेशन नेटवर्क से चुनिंदा डिजिटल नेटिव्स के साथ मिलकर साझा लाभ एवं रिसर्च में सहयोग के माध्यम से इसे और गति देने में मदद मिलेगी. इन डिजिटल नेटिव्स को एमएसआर के अत्याधुनिक शोध एवं विशेषज्ञता का लाभ उठाने का मौका मिलेगा, जबकि एमएसआर को इन इनोवेटिव कंपनियों के साथ मिलकर अपनी रिसर्च टेक्नोलॉजीज को बड़े पैमाने पर लागू करने का अवसर मिलेगा.

माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के बी2बी स्टार्टअप्स के लिए प्रीमियर कम्युनिटी सासबूमी के साथ एआई एमओयू का भी एलान किया है. इस रणनीतिक गठजोड़ का लक्ष्य भारत के एआई एवं सास (सॉफ्टवेयर ऐज ए सर्विस) इकोसिस्टम के विकास को गति देना है, जिससे भारत एक प्रोडक्ट नेशन बन सके और इसकी ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में योगदान हो. सासबूमी के बड़े नेटवर्क और माइक्रोसॉफ्ट की टेक्नोलॉजिकल विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए यह साझेदारी इनोवेशन एवं उद्यमिता को बढ़ावा देगी, विशेषरूप से टियर 2 शहरों में. अगले पांच साल में माइक्रोसॉफ्ट और सासबूमी का लक्ष्य 5,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स एवं 10,000 से ज्यादा उद्यमियों पर सकारात्मक प्रभाव डालना और फोकस्ड वर्कशॉप के माध्यम से 1,50,000 से ज्यादा स्टार्टअप कर्मियों का कौशल विकास करना है. साथ ही इससे 20 से ज्यादा टियर 2 शहरों में स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, 2,00,000 रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और भारतीय एआई एवं सास इकोसिस्टम के लिए 1.5 अरब डॉलर की अतिरिक्त वेंचर कैपिटल फंडिंग जुटाने में मदद मिलेगी. एमओयू के तहत माइक्रोसॉफ्ट 50 से ज्यादा यूनीकॉर्न एवं सूनीकॉर्न के विकास में सहयोग करेगी और इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी एवं टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में विकास को आगे बढ़ाएगी.

समुदायों की कर रहे मदद और पर्यावरण के अनुकूल एआई को दे रहे विस्तार

माइक्रोसॉफ्ट एआई की सस्टेनेबिलिटी पर भी निवेश कर रही है और जिम्मेदारी के साथ एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए जरूरी संसाधनों पर काम कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट 2030 तक कार्बन निगेटिव, वाटर पॉजिटिव, जीरो वेस्ट तथा अपने प्रयोग से अधिक भूमि के संरक्षण की दिशा में लगातार मजबूती से कदम उठा रही है. साथ ही अन्य लोगों को ऐसी टेक्नोलॉजी के साथ सशक्त बना रही है, जिससे पर्यावरण के अधिक अनुकूल भविष्य का निर्माण हो सके. ज्यादा जानकारी के लिए माइक्रोसॉफ्ट की 2024 सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट पढ़ें.

ग्लोबल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को गति देने के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट स्थानीय समुदायों के विकास में भी सकारात्मक योगदान दे रही है. ये प्रयास इसके ग्लोबल डाटासेंटर कम्युनिटी प्लेज को मजबूती देते हैं, जो भारत एवं माइक्रोसॉफ्ट के संचालन वाले अन्य क्षेत्रों के लिए बेहतर सहयोगी होने की इसकी जिम्मेदारी को सामने रखता है. इसमें एआई के लिए जरूरी संसाधनों, मुख्यत: ऊर्जा एवं पानी की समस्या को दूर करने की बात कही गई है.

कंपनी ने हाल ही में यह घोषणा भी की है कि इसके नए डाटासेंटर्स कूलिंग के लिए पानी का बिलकुल भी प्रयोग नहीं करेंगे. नए डिजाइन में वाटर इवैपोरेशन की जरूरत नहीं होती है और एक क्लोज्ड-लूप सिस्टम में पानी की रीसाइकिलिंग होती है. माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में एमप्लस और रीन्यू के साथ लंबी अवधि के अनुबंध करते हुए अक्षय ऊर्जा स्रोत भी सुरक्षित किए हैं, जिससे 2030 तक कार्बन निगेटिव बनने के माइक्रोसॉफ्ट के लक्ष्य में योगदान मिलेगा. रीन्यू के साथ समझौते के तहत इससे प्राप्त रेवेन्यू में से करीब 1.5 करोड़ डॉलर का निवेश कम्युनिटी फंड के रूप में किया जाएगा, जिसका प्रयोग पर्यावरण से जुड़ी पहल के समर्थन में किया जाएगा. इसमें महिलाओं की आजीविका एवं आर्थिक सशक्तीकरण, ऊर्जा तक पहुंच, ग्रामीण विद्युतीकरण, पर्यावरण संरक्षण व जल की गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन के कारण ज्यादा प्रभावित समुदायों की अन्य चिंताओं को दूर करने पर फोकस किया जाएगा.

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