Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

रांची की प्रेरणा कुमारी और उनकी टीम रोजाना 200 से अधिक लोगों को मुफ्त में बांट रही है खाना

टीम सोशल मीडिया के माध्यम से दानदाताओं से अपील करती है और प्राप्त धन का उपयोग किराने का सामान और सब्जियां खरीदने के लिए किया जाता है। साथ ही भोजन पैकेट में वितरित किया जाता है।

कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच झारखंड की राजधानी रांची में यंग प्रोफेशनल्स का एक ग्रुप गरीबों और जरूरतमंद लोगों को पका हुआ भोजन और सूखा राशन मुफ्त में बांट रहा है।


टीम की लीडर प्रेरणा कुमारी के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान टीम हर दिन 200 से ज्यादा लोगों तक पहुंच रही है। एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली प्रेरणा समाज के लिए कुछ करना चाहती थी लेकिन उन्हें प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा था। बाद में उन्हें 'विशालक्षी फाउंडेशन' के बारे में इंस्टाग्राम के जरिए पता चला।

f

प्रेरणा कुमारी (फोटो साभार: The New Indian Express)

प्रेरणा ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से कहा “शुरुआत में, मेरे परिवार के अलावा मेरा साथ देने वाला कोई नहीं था। बाद में, कुछ लोग शामिल हुए और आज हमारे ग्रुप में 40 मेंबर्स हैं, जिनमें से 20 बहुत सक्रिय हैं।” चूंकि टीम के अधिकांश सदस्य अभी भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए वे पढ़ाई के लिए भी समय निकालते हैं।


प्रेरणा ने आगे कहा, “श्रम लागत बचाने के लिए, हम खुद ही खाना पकाते हैं और गरीबों में वितरित करते हैं। हम अपने स्वयंसेवकों द्वारा प्राप्त लीड के आधार पर एक विशेष क्षेत्र को लक्षित करते हैं। इसके अलावा, हम उन लोगों को सूखा राशन भी प्रदान करते हैं, जो चल रही कोविड महामारी के कारण अपनी नौकरी खो चुके हैं।”


टीम सोशल मीडिया के माध्यम से दानदाताओं से अपील करती है और प्राप्त धन का उपयोग किराने का सामान और सब्जियां खरीदने के लिए किया जाता है। साथ ही भोजन पैकेट में वितरित किया जाता है।


दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप से जुड़ी एक अन्य स्वयंसेवक मानसी गोयल ने कहा कि वे सप्ताह के दिनों में सूखा राशन वितरित करना पसंद करते हैं। लॉ की पढ़ाई कर रही छात्रा मानसी ने कहा, "सप्ताहांत पर, हम अपने दम पर खाना बनाते हैं और गरीबों में खाना बांटते हैं।"


उन्होंने आगे बताया, अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचने के लिए, हमने कई पोस्टर लगाए हैं जिन पर लिखा है ‘कोई भी व्यक्ति जो ऐसे किसी व्यक्ति या परिवार से आता है जिसे भोजन या राशन की आवश्यकता है, वह हमसे संपर्क कर सकता है’। इससे हमें लीड प्रदान करने में मदद मिली है।


अभिलाषा, जो कि बेंगलुरु में विप्रो कंपनी में काम करती हैं, फिलहाल वह रांची में अपने घर से काम कर रही हैं। वह जनवरी में इस ग्रुप की मेंबर बनीं। अभिलाषा ने बताया, "अगर मैं किसी एक व्यक्ति की मदद कर सकूं, तो मैं मानूंगी कि मेरा जीवन सफल रहा है। शुरुआत में, मेरे माता-पिता ने मेरा विरोध किया लेकिन बाद में उन्हें इसकी आदत हो गई।”