Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

राम मंदिर के उद्घाटन से जनवरी में 50,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आने की उम्मीद: CAIT

अयोध्या में बने राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहा है. पूरे देश के लोग राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बेहद उत्साहित हैं. मंदिर के उद्धाटन के दिन प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ अयोध्या में देखने को मिलेगी.

राम मंदिर के उद्घाटन से जनवरी में 50,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आने की उम्मीद: CAIT

Thursday January 18, 2024 , 2 min Read

अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) के उद्घाटन की तैयारियां पूरे जोर-शोर से हो रही हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) को उम्मीद है कि जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर खुलने से देश को इस महीने 50,000 करोड़ रुपये के कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, पूरे देश के लोग 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बेहद उत्साहित हैं. राम मंदिर के उद्धाटन के दिन प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ अयोध्या में देखने को मिलेगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार,“यह लोगों को राम मंदिर से जुड़े प्रोडक्ट्स की खरीदारी के लिए प्रेरित करेगा. सभी राज्यों में सदस्य व्यापारियों ने अतिरिक्त व्यापार की मांग को पूरा करने के लिए शानदार तैयारी की है.

CAIT के अनुसार, विभिन्न भारतीय बाजारों में अद्वितीय कपड़े की माला, लॉकेट, चाबी की चेन, राम मंदिरों के मॉडल, राम दरबार की तस्वीरें, राम ध्वजा आदि की महत्वपूर्ण मांग है.

उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए, चूड़ियाँ और सजावटी पेंडेंट जैसे विभिन्न प्रकार के सामान भी बाजार में उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा, व्यापारियों के संगठन के अनुसार, राम मंदिर की फोटो वाले कुर्ते, टी-शर्ट और अन्य अनुकूलित कपड़ों की बाजार में मजबूत मांग है.

गौरतलब है कि राम मंदिर के उद्घाटन के लिए लगभग 7,000 आमंत्रित अतिथियों के साथ-साथ लाखों भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है, जिससे यह एक भव्य समारोह बन जाएगा जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. मंदिर के निर्माण पर कुल 18,000 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है. यह मूर्ति पांच साल के बालस्वरूप में है.