उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदम: नवाचारों से मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की देखभाल में आ रहा है बदलाव
पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक तथा लक्षित उपचारों, इम्युनोथैरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में जबर्दस्त प्रगति हुई है. इसके साथ ही नए जमाने के निदानों ने रोगियों और चिकित्सकों को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई है.
चिकित्सा व तकनीक में अत्याधुनिक उन्नति की वजह से भारत तथा पूरी दुनिया में मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर (एमबीसी) की देखभाल को लेकर काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार लगभग 60% भारतीयों में ब्रेस्ट कैंसर बीमारी के स्टेज 3 और स्टेज 4 के मामले सामने आए हैं. ऐसे में इनोवेशन सिर्फ एक उम्मीद नहीं, बल्कि जरूरत है. पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक तथा लक्षित उपचारों, इम्युनोथैरेपी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में जबर्दस्त प्रगति हुई है. इसके साथ ही नए जमाने के निदानों ने रोगियों और चिकित्सकों को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई है.
भारत में मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर
मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर, भारत के सामने अलग तरह की चुनौतियां पेश कर रहा है. उनमें चिकित्सा सुविधाओं तक सीमित पहुंच और एमबीसी को लेकर जागरूकता की कमी प्रमुख चुनौतियों में से एक है. कुछ समुदायों में सामाजिक भ्रांतियां एक और कारक माना जाता है. ऐसे में ज्यादातर महिलाओं को बीमारी के आखिरी चरणों में उपचार मिलता है, जब वो बेहद ही जटिल या अप्रभावी हो जाता है. परिणामों को बेहतर बनाने और सर्वाइवल दरों को बढ़ाने के लिए भारतीय रोगियों की आनुवंशिकता और सेहत की स्थिति के अनुसार नई प्रकार की थैरेपीज एक अहम रणनीति के रूप में उभरकर सामने आई है.
कीमोथैरेपी से इतर उन्नत थैरेपीज
पिछले कुछ वर्षों में मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में निरंतर होने वाली प्रगति ने उन्नत उपचारों के कई सारे विकल्प की राह दिखाई है. एचईआर2 पॉजिटिव और हॉर्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसरों पर नई पीढ़ी की दवाओं ने बेहद ही अनोखा प्रभाव दिखाया है. ये थैरेपी कैंसरकारी कोशिकाओं पर हमला करती करती है, वहीं स्वस्थ टिशूज पर कम से कम साइड इफेक्ट के साथ रोगियों की जिंदगी को बेहतर बनाती है. इन उन्नत थैरेपीज से काफी सारे अपनी जिंदगी में ज्यादा परेशानी उठाए बिना लंबी जिंदगी जी रहे हैं.
इम्युन थैरेपी में प्रगति
सबसे जिद्दी सबटाइप, ट्रिपल-नेगेटिव मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर जिसका उपचार मुश्किल होता है, इस साल उसमें क्रांतिकारी प्रगति देखने को मिली है. इम्युन चेकपॉइट अवरोधकों के बेहतरीन परिणामों में पीडी-1 और पीडी-एल1 ब्लॉकर्स ने कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में बेहद ही आशाजनक परिणाम दिखाए हैं. हरेक रोगी के ट्यूमर के प्रकार के अनुसार, व्यक्तिगत रूप से दी जाने वाली वैक्सीन, आशा की एक नई किरण के रूप में उभर रही है. जहां पारंपरिक उपचार पहले ही नाकाम हो चुके हैं वहां ये एक स्थायी प्रतिक्रिया दे रहा है.
मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में एआई की सटीकता वाली दवाओं का उदय
त्वरित गति से मॉलिक्यूलर प्रोफाइल बनाना, अनुमानित आकलन करना और समय पर बीमारी का पता लगाने की अपनी क्षमता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के निदान और उपचार का चेहरा तेजी से बदल रहा है. एआई एल्गोरिदम सबसे प्रभावी व्यक्तिगत उपचारों की पहचान कर बड़ी ही तेजी से ट्यूमर के आकार-प्रकार का मूल्यांकन कर सकता है. वहीं, पूर्वानुमान करने वाले टूल्स बीमारी को बढ़ने से रोकने और बड़ी ही सक्रियता से उपचार योजनाओं को तैयार करने में मददकर सकते हैं. इसके अंतर्गत ऐसे टूल्स शामिल होंगे जोकि जोखिमों का पता लगाकर कैंसर की देखभाल का रास्ता प्रदान करेंगे. इससे इमेजिंग विशेषज्ञों के ना होने की स्थिति में भी बीमारी का समय पर आकलन हो पाएगा. सेंटर फॉर फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन ऑफ इंडिया जैसे अभियानों के साथ विश्व आर्थिक फोरम, शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में सटीक उपचार पहुंचाने के लिए एआई तथा मशीन लर्निंग को शमिल करते हुए उन बदलावों को गति देने का काम करेगा.
नई पीढ़ी के निदान
एमबीसी के नियंत्रण में उपचार प्रक्रियाओं की निगरानी और मेटास्टेसिस का समय पर पता लगाना बेहद ही महत्वपूर्ण चीजें है. इस साल, लिक्विड बायोप्सी- खून में ट्यूमर डीएनए के प्रसार का पता लगाने वाली जांच है, जिसमें कम से कम चीरा लगाने की जरूरत होती है, उन्नत निदानों के क्षेत्र में नींव के पत्थर के रूप में उभरा है. इसके उच्च रिजॉल्यूशन वाली इमेजिंग तकनीक ने अभूतपूर्व सटीकता के साथ बीमारी के प्रसार का पता लगाने की प्रक्रिया को उन्नत बनाया है. इससे समय पर उपचार देने में मदद मिल सकती है.
ये सभी इनोवेशन आगे चलकर मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर की देखभाल को एक नया स्वरूप देगें. जिन तकनीकों और उपचारों से रोगी की जिंदगी को लंबा बनाने की उम्मीद की थी, उसने मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर रोगियों में उम्मीद और आत्मसम्मान लाने का काम किया है. इस साल एआई-प्रेरित सटीक दवाओं से लेकर इम्युनोथैरेपी में हुई प्रगति तक, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाती है. विज्ञान, तकनीक और प्यारभरी देखभाल की जुगलबंदियों ने मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर को एक ऐसे रोग में बदल दिया है जहां रोगी लंबा और बेहतर जीवन जी सकते हैं.
(लेखक ‘BLK-MAX Super Specialty Hospital’ के डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक