डॉ. मनमोहन सिंह के इन 5 बड़े फ़ैसलों ने बदली देश की इकॉनमी की तस्वीर
भारत के इतिहास में मनमोहन सिंह सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री हैं. मूलतः एक अर्थशास्त्री होने के नाते अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने देश की अर्थवयवस्था पर पूरा ध्यान दिया, और उस मंत्रालय का काम अपनी देख रेख में ही रखा. उनके कार्यकाल के पाँच हाइलाइट:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Ex-PM Manmohan Singh) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. सिंह ने 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने. उनका राजनीतिक जीवन पी. वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ जब उन्होंने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के इस भूतपूर्व गवर्नर को अपना वित्त मंत्री बनाया. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे.
जब पी वी नरसिम्हा राव 21 जून 1991 को भारत के प्रधानमंत्री बने, उस वक़्त भारत बहुत बुरे दौर आर्थिक दौर से गुज़र रहा था. देश की आर्थिक व्यवस्था इतनी खस्ताहाल थी कि कि भारत डिफ़ॉल्टर होने की कगार पर था. उनके वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने 21 जुलाई को अपने पहले बजट में ऐसा कुछ पेश किया जिसने भारत की आर्थिक व्यवस्था बदल कर रख दी. मनमोहन सिंह द्वारा 24 जुलाई 1991 को पेश किये इस बजट को भारतीय इतिहास में गेम चेंजर बजट भी कहा जाता है क्योंकि इस बजट ने वैश्विक बाजार के लिए भारत के दरवाजे खोल दिए थे.
मनमोहन सिंह ने तीन बड़े बदलाव किए - उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण जिसके अंतर्गत विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश जैसे बदलाव किये गए थे. डॉ. मनमोहन सिंह आर्थिक विचारक और विद्वान के रूप में प्रसिद्ध है. उनकी अकादमिक उपलब्धियों की फेरहिस्त काफी लम्बी है. भारत के इतिहास में मनमोहन सिंह सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री हैं.
मूलतः एक अर्थशास्त्री होने के नाते अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने देश की अर्थवयवस्था पर पूरा ध्यान दिया, और उस मंत्रालय का काम अपनी देख रेख में ही रखा. उनके कार्यकाल के पाँच हाइलाइट:
- 2007 में भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) की ग्रोथ 9% पहुँचना जिसके साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे तेज जीडीपी ग्रोथ वाला देश बन गया था.
- 2005 में मनमोहन ने सेल्स टैक्स को हटाकर VAT टैक्स लागू किया.
- मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (National Rural Employment Guarantee Act- NREGA) सितम्बर 2005 पारित हुआ. यह एक्ट ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार की तलाश में बड़े स्तर पर होने वाले पलायन को रोकने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को न्यूनतम आधार देने के इरादे से लाया गया था. यह विश्व की एकमात्र ऐसी योजना है जो 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है. 2 अक्टूबर 2009 में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कर दिया गया.
- ग्रामीण जनता के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना की शुरुवात. यह योजना देश विदेश सभी जगह सराही गई.
- अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ इंडो-यू.एस न्यूक्लिअर डील. इस अग्रीमेंट के तहत इंडिया ने अपने सिविल और मिलिटरी न्यूक्लिअर अलग रखने और साथ ही साथ सारे सिविल न्यूकिलियर फैसेलिटी को इंटरनेशनल अटामिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के अंतर्गत इस्तेमाल करने का करार किया था. मनमोहन सिंह के इस निर्णय का देश में काफी विरोध हुआ था.
(feature image: AI generated)
Edited by रविकांत पारीक