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अमेरिकी सांसद ने किया 370 हटाने का स्वागत, लेकिन साथ में मोदी सरकार के सामने रखी है ये मांग

अमेरिकी सांसद ने किया 370 हटाने का स्वागत, लेकिन साथ में मोदी सरकार के सामने रखी है ये मांग

Saturday December 21, 2019 , 2 min Read

article 370

सांकेतिक चित्र

अमेरिका के प्रभावशाली सांसद जो विल्सन के अनुसार जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत सरकार का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक विकास को गति देने, भ्रष्टाचार से लड़ने और जातीय एवं धार्मिक भेदभाव खत्म करने की कोशिश को समर्थन देने के लिए है।

उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को सरकार ने अनुच्छेद-370 के आधिकतर प्रावधानों को निरस्त करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।

अमेरिकी सांसद ने हाउस ऑफ रिप्रजंटेटिव में गुरुवार को कहा,

“भारतीय संसद ने कई पार्टियों के सहयोग से प्रधानमंत्री की आर्थिक विकास को गति देने, भ्रष्टाचार से लड़ने और लैंगिक तथा जातीय और धार्मिक भेदभाव को समाप्त करने की कोशिश को समर्थन देने का फैसला किया।’’

दक्षिणी कैरोलिना से रिपब्लिकन सांसद ने कहा,

“अमेरिकी दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है और भारत को दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र के रूप में सफल देखकर प्रसन्न है।“

अमेरिकी कांग्रेस में पारित संघीय सरकार वित्तपोषण पैकेज में भारत सरकार से कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल करने की मांग की गई है।




उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त को सरकार ने अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निष्क्रिय कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशाों में बांट दिया था।

इसी के साथ ही अमेरिकी सीनेट द्वारा अगले वर्ष के लिए विनियोग विधेयक पारित करने के मौके पर सीनेटर क्रिस वैन होलन ने गुरूवार को कहा,

“विधेयक एचआर 1865, भारत सरकार से कश्मीर में पुरानी स्थिति लाने का आग्रह करता है।“

सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजंटेटिव की ओर से पारित इन दोनों विधेयक को राष्ट्रपति को हस्ताक्षर के लिए भेजने से पहले एक रूप दिया जाएगा। इस विधेयक में शामिल कश्मीर वाला हिस्सा सीनेटरों की राय है और यह बाध्यकारी नहीं है।


गौरतलब है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही वहाँ कर्फ़्यू लगा हुआ है। कश्मीर में अभी भी इंटरनेट सेवाएँ बहाल नहीं हो सकी हैं। सरकार कश्मीर में हालात सामान्य होने का दावा कर रही है।


कश्मीर घाटी में अभी भी बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों तैनाती है। घाटी के कई हिस्सों में कर्फ़्यू में आंशिक रूप से ढील दी जा रही है।


(Edited by रविकांत पारीक )