Walmart ने सप्लाई चेन को और मजबूत बनाने के लिए इन 3 भारतीय स्टार्टअप्स के साथ शुरू की खास पहल
पायलट प्रोग्राम के लिए चुने गए तीन स्टार्टअप्स में पुणे स्थित KBCols Sciences, चेन्नई स्थित GreenPod Labs और बेंगलुरु स्थित Cropin के नाम शामिल हैं. इन कंपनियों ने पिछले साल भारत में आयोजित वॉलमार्ट ग्रोथ समिट में हिस्सा लिया था.
दुनिया के सबसे बड़े ओमनीचैनल रिटेलर वॉलमार्ट (Walmart) ने कंपनी की यूएस सप्लाई चेन और सोर्सिंग ऑपरेशंस के लिए बेहतर समाधान पाने की दिशा में तीन भारतीय स्टार्टअप्स के साथ स्ट्रेटजिक पायलट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की. पायलट प्रोग्राम के लिए चुने गए तीन स्टार्टअप्स में पुणे स्थित KBCols Sciences, चेन्नई स्थित GreenPod Labs और बेंगलुरु स्थित Cropin के नाम शामिल हैं. इन कंपनियों ने पिछले साल भारत में आयोजित वॉलमार्ट ग्रोथ समिट में हिस्सा लिया था.
इन स्टार्टअप्स से मिले अनूठे समाधानों से वॉलमार्ट की सप्लाई चेन में नवाचार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. पायलट प्रोग्राम के तहत इनके समाधानों को परखा जाएगा. इनकी मदद से अमेरिका एवं दुनियाभर में वॉलमार्ट के ग्राहकों को बेहतर एवं ज्यादा ताजे उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और उत्पादों की बर्बादी रुकेगी. इसके अलावा, इनसे मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस में प्रयोग होने वाले इंटरमीडियएट प्रोडक्ट्स जैसे सिंथेटिक टेक्सटाइल डाई आदि के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प तैयार करने में भी मदद मिलेगी, जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव कम होगा.
पुणे में स्थित KBCols Sciences पूरे भारत में कृषि कचरे को माइक्रोब्स से फर्मेंट करते हुए नॉन-जीएमओ नैचुरल डाई बनाती है. प्राकृतिक तरीके से तैयार इन डाई का प्रयोग कई तरह के टेक्सटाइल पर किया जा सकता है, जिससे डाई की प्रक्रिया में पानी और ऊर्जा के प्रयोग को कम करते हुए मैन्यूफैक्चरिंग को ज्यादा दक्ष बनाना संभव है. सिंथेटिक डाई की तुलना में पर्यावरण के अधिक अनुकूल विकल्प के रूप में यह नवाचार बड़े पैमाने पर तैयार होने वाले कपड़ों के मामले में ज्यादा रीजनरेटिव तरीका अपनाने का रास्ता खोलेगा. पायलट प्रोग्राम के तहत KBCols डाई और इनकी खूबियों को परखा जाएगा और बुने गए मैटेरियल्स और जर्सी कॉटन पर इनका परीक्षण किया जाएगा.
चेन्नई स्थित GreenPod Labs प्लांट एक्सट्रेक्ट्स से बने छोटे-छोटे सैशे तैयार करती है, जो फलों एवं सब्जियों के नैचुरल डिफेंस मैकेनिज्म को एक्टिवेट करते हैं. इससे उनके पकने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. इसकी मदद से फल एवं सब्जियां धीरे-धीरे उसी तरह से पकते हैं, जैसे कि उन्हें पौधों से अलग ही न किया गया हो. इससे सप्लाई चेन में अधिक समय लगने पर भी उत्पाद ज्यादा समय तक ताजा बने रहते हैं. इस नवाचार की मदद से वॉलमार्ट कई नई जगहों से भी सोर्सिंग कर सकेगी, जिससे शिपिंग की लागत कम होगी और ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता के और ज्यादा ताजे उत्पाद मिल सकेंगे. यूसी डेविस के साथ मिलकर वॉलमार्ट यह पायलट प्रोग्राम चला रही है, जिसमें GreenPod के सैशे के प्रभाव को जांचा जाएगा.
बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप Cropin ने एआई द्वारा संचालित एक एजटेक प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिससे फसल की उपज से जुड़ी अहम जानकारियां मिलती हैं. इससे उत्पादकता बढ़ाने, संसाधनों के प्रयोग को ऑप्टिमाइज करने और फसल की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है. पायलट प्रोग्राम के तहत उपज का अनुमान लगाने, फसल के स्वास्थ्य पर नजर रखने और सीजनल ट्रांजिशन टाइमिंग को समझने के मामले में इस टेक्नोलॉजी को परखा जाएगा. डाटा के मामले में एक्यूरेसी होने से वॉलमार्ट के लिए पेरिशेबल कमोडिटीज (फल, सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पाद) को ज्यादा प्रभावी तरीके से जुटाना संभव होगा. इससे उनकी गुणवत्ता बेहतर रहेगी और ग्राहकों तक उन्हें सही समय पर पहुंचाया जा सकेगा. इससे ऐसे उत्पादों की बर्बादी कम होगी. इस पायलट प्रोग्राम को वॉलमार्ट ग्लोबल टेक के स्पार्क्यूबेट प्रोग्राम के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है. स्पार्क्यूबेट प्रोग्राम स्टार्टअप इनोवेटर्स को अपने विचारों को विस्तार देने और रिटेल सेक्टर के समक्ष आने वाली चुनौतियों को दूर करने की दिशा में शोध के लिए सशक्त करता है.
Walmart के वाइस प्रेसिडेंट, सोर्सिंग इनोवेशन एंड श्योरटी ऑफ सप्लाई काइल कार्लाइल ने कहा, “टेक्नोलॉजी की दुनिया में हो रहे नवाचार ही असल दुनिया में ऐसे समाधान देते हैं, जिनसे वैश्विक स्तर पर ज्यादा रेजिलिएंट आपूर्ति श्रृंखला बनाना संभव है. ग्लोबल इनोवेटर्स के साथ गठजोड़ करते हुए हम ज्यादा रेजिलिएंट आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए नए विचारों का लाभ उठा रहे हैं. लोगों को केंद्र में रखने वाली और टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित कंपनी के तौर पर हम हमेशा नवाचार करने के नए तरीके खोजते हैं. इन तीन ब्रांड्स ने फूड और टेक्सटाइल दोनों ही इंडस्ट्री में इनोवेशन को लेकर हमारे लक्ष्य की दिशा में बेहतर संभावना दिखाई है.”
भारत में वॉलमार्ट ग्रोथ समिट एक ग्लोबल सीरीज का हिस्सा है, जिसे उद्यमियों, आपूर्तिकर्ताओं और इनोवेटर्स को वॉलमार्ट के व्यापक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है. भारत, मेक्सिको और चिली जैसे देशों में आयोजित इन समिट से इनमें हिस्सा लेने वाले स्टार्टअप्स को अपनी टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित करने और ऐसे समाधानों को दिखाने का मौका मिला, जो सस्टेनेबिलिटी (पर्यावरण के अनुकूल), एफिशिएंसी (दक्षता) और इनोवेशन (नवाचार) को लेकर वॉलमार्ट के फोकस के अनुरूप हैं. इनके माध्यम से वन-ऑन-वन पिच सेशन और एजुकेशनल डिस्कशन के जरिये उद्यमी अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकते हैं और दिखा सकते हैं कि कैसे उनके प्रोडक्ट्स वॉलमार्ट की ग्लोबल सप्लाई चेन में सहायक हो सकते हैं.
KBCols Sciences की सीईओ डॉ. वैशाली कुलकर्णी ने कहा, “KBCols और वॉलमार्ट के बीच यह गठजोड़ ज्यादा सस्टेनेबल डाई सॉल्यूशंस के साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. यह प्रोजेक्ट उच्च-गुणवत्ता बनाए रखते हुए पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने की दिशा में हमारी साझा प्रतिबद्धता को दिखाता है. इससे हम ज्यादा जिम्मेदारी के साथ प्रोडक्ट्स तैयार करने और ऐसे भविष्य को आकार देने में सक्षम होंगे, जहां फैशन और सस्टेनेबिलिटी को साथ लेकर चला जा सकता है.”
GreenPod Labs के सीईओ दीपक राजमोहन ने कहा, “वॉलमार्ट ग्रोथ समिट इंडिया के दौरान वॉलमार्ट से संपर्क में आना और अब पायलट प्रोग्राम की ओर बढ़ना हमारी टीम के लिए शानदार अनुभव रहा है. वॉलमार्ट जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ काम करने से फल एवं सब्जियों को खराब होने से बचाने और उनकी गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में हमारे काम की महत्ता और भी बेहतर तरीके से सामने आई है. वर्तमान चुनौतियों को समझने के लिए सोर्सिंग एवं इनोवेशन टीम के साथ काम करना सीखने की दृष्टि से बेहतर अनुभव रहा है.”
Cropin के सीईओ कृष्ण कुमार ने कहा, “Cropin में हम क्लाइमेट मॉडल से लेकर एआई द्वारा संचालित सॉल्यूशंस तक नेक्स्ट-जनरेशन टेक्नोलॉजी का लाभ उठाते हैं, जिससे चुनौतियों का सामना किया जा सके. टेक्नोलॉजी द्वारा बदलाव लाने की दिशा में अग्रणी कंपनी वॉलमार्ट के साथ काम करते हुए हमारा लक्ष्य एक रेजिलिएंट एवं सस्टेनेबल फूड सिस्टम तैयार करना है. साथ मिलकर हम जलवायु की बदलती परिस्थितियों के बीच सोर्सिंग की रणनीतियों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं. इससे एग्री फूड इंडस्ट्री के लिए ज्यादा भरोसेमंद एवं सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित होगा.”
इन पायलट प्रोग्राम्स को एग्रीटास्क, अनस्पन और रूबी लैबोरेटरीज के साथ साझेदारी में नवाचार के पोर्टफोलियो पर तैयार किया गया है. सोर्सिंग इनोवेशन पायलट प्रोग्राम्स को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे वॉलमार्ट के पास सोर्सिंग से जुड़े फैसले लेने के लिए ज्यादा जानकारी उपलब्ध हो, रिसोर्स की दक्षता बढ़ सके और ज्यादा रेजिलिएंट वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की जा सके.