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तमिलनाडु के डी गुकेश ने शतरंज में किया देश का नाम रोशन, बने दुनिया के दूसरे और भारत के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर

तमिलनाडु के डी गुकेश ने शतरंज में किया देश का नाम रोशन, बने दुनिया के दूसरे और भारत के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर

Thursday January 17, 2019 , 2 min Read

"गुकेश भारत के 59वें ग्रैंडमास्टर हैं। उक्रेन के सर्गेई कार्जाकिन के नाम पर सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड है। सर्गेई

ने 2002 में 12 साल सात महीने में यह उपलब्धि हासिल की थी। पिछले साल दिसंबर में गुकेश रिकॉर्ड बनाने से चूक गए थे।"

तमिलनाडु के रहने वाले डी गुकेश मंगलवार को दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए। उन्होंने 12 साल सात महीने और 17 दिन में यह उपलब्धि हासिल की और इस तरह से भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए। उन्होंने अपने ही राज्य के आर प्रागनंदा का रेकॉर्ड तोड़ा जो पिछले साल जून में ग्रैंडमास्टर बने थे। 

गुकेश ने 17वीं दिल्ली अंतरराष्ट्रीय ओपन शतरंज टूर्नमेंट में हमवतन डीके शर्मा को हराकर अपना तीसरा और अंतिम ग्रैडमास्टर हासिल किया। 

वेलाम्मल विद्यालय में पढ़ने वाले गुकेश ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "मैं अपनी इस उपलब्धि से बहुत खुश हूं। मेरा लक्ष्य वर्ष 2019 में अपने रेटिंग अंकों को 2,650 तक पहुंचाना है जो अभी 2,510 हैं।" 


अपने पसंदीदा खिलाड़ी के बारे में बात करते हुए गुकेश कहते हैं, "मेरे पसंदीदा खिलाड़ी बॉबी फिश्चर और विश्वनाथ आनंद हैं।" 


गुकेश भारत के 59वें ग्रैंडमास्टर हैं। उक्रेन के सर्गेई कार्जाकिन के नाम पर सबसे युवा ग्रैंडमास्टर का रिकॉर्ड है। उन्होंने 2002 में 12 साल सात महीने में यह उपलब्धि हासिल की थी। पिछले साल दिसंबर में गुकेश रिकॉर्ड बनाने से चूक गए थे। तब वह बार्सिलोना में तीसरे दौर में हार गये थे। 

इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद गुकेश ने कहा, ‘मैं ग्रैंडमास्टर बनकर बहुत खुश और उत्साहित हूं। मुझे खुशी है कि मैंने तीसरा ग्रैंडमास्टर बनने की उपलब्धि हासिल की है। मैं भविष्य में आनंद सर (विश्वनाथन आनंद) के खिलाफ खेलना चाहूंगा।’


गुकेश के पिता डी. रजनीकांत और माता जे. पद्मा कुमारी दोनों ही पेशे से चिकित्सक हैं। रजनीकांत ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "वह भारत में होने वाले सभी ग्रैंड मास्टर टूर्नामेंट में खेलता है, लेकिन विदेशी टूर्नोमेंट में खेलना काफी महंगा होता है। हमने इसके लिए फंड जुटाने के लिए जमीन बेच कर पैसे जुटाए हैं।" 


स्पॉन्सर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "स्थानीय कंपनी मिक्रोसेंस अभी स्पांसर है। इसी तरह वेलाम्माल विद्यालय के एम.वी.एम वेलमोहन ने भी इस समर्थन दिया है। ओएनजीसी ने भी स्कॉलरशिप दी है।" 


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