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क्या प्रदूषण से बढ़ जाता है हड्डी फ्रैक्चर का खतरा?

प्रदूषण से हड्डी में फ्रैक्चर हो जाने के जोखिम बढ़ जाते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस संबंधित हानिकारक कारक बढ़ जाते हैं। इन निष्कर्षों को लैनसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित किया गया है। 

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार- शटरस्टॉक)

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार- शटरस्टॉक)


ऑस्टियोपोरोसिस, बुजुर्गों में टूटी हुई हड्डी के लिए सबसे आम कारण है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां भंगुर और कमजोर हो जाती हैं। प्रत्येक वर्ष यू.एस. में अनुमानित 2 मिलियन लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डी का फ्रैक्चर होता है। 

शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो पुरुष इन प्रदूषकों के कम संपर्क में आए हैं, उनकी हड्डियों के घनत्व को कम नुकसान हुआ है और उन्हें फ्रैक्चर की समस्या भी कम हुई है।

कोलंबिया विश्वविद्यालय के मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन के मुताबिक, वायु प्रदूषण से हड्डियों में खनिज और घनत्व के स्तर पर असर पड़ता है। प्रदूषण से हड्डी में फ्रैक्चर हो जाने के जोखिम बढ़ जाते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस संबंधित हानिकारक कारक बढ़ जाते हैं। इन निष्कर्षों को लैनसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित किया गया है। वायु प्रदूषण के एक घटक, पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) से ऊंचे स्तर में रहने को मजबूर लोगों में हड्डी के फ्रैक्चर के ज्यादा चांसेज पाए गए। इस बात का दस्तावेजीकरण करने वाला ये पहला शोध है। इसके मुताबिक, सिगरेट के धुएं में मौजूद जहरीले पदार्थ की तरह वायु प्रदूषण भी सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा कर सकता है, जिससे हड्डी को नुकसान हो सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस, बुजुर्गों में टूटी हुई हड्डी के लिए सबसे आम कारण है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां भंगुर और कमजोर हो जाती हैं। प्रत्येक वर्ष यू.एस. में अनुमानित 2 मिलियन लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डी का फ्रैक्चर होता है। जिसके परिणामस्वरूप सालाना प्रत्यक्ष स्वास्थ्य लागत में $ 20 बिलियन का इजाफा होता है। इस बात को सामने लाने के लिए शोधकर्ता ने दो स्टडी की। पहले उन्होंने 2003 से लेकर 2010 तक ऑस्टियोपोरोसिस से होने वाले फ्रैक्चर के कारण अस्पताल में भर्ती हुए लोगों का आंकड़ा इकट्ठा किया। इन मरीजों की उम्र 60 से ऊपर थी।

दूसरे अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने बोस्टन क्षेत्र में कम-आय की पृष्ठभूमि वाले 692 पुरुषों पर सर्वे किया। इन प्रतिभागियों की औसत आयु 47 थी। उन्होंने पाया कि मोटर के उत्सर्जन के प्रदूषक- कणों और काले कार्बन के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले वयस्कों में पैराथाइरॉइड हार्मोन का स्तर काफी कम है। जो एक महत्वपूर्ण कैल्शियम और हड्डी से संबंधित हार्मोन है। इनका अभाव हड्डी को कमजोर बना देता है। निष्कर्ष में सामने आया कि वायुमंडल के महीन कण हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हुए बुजुर्गों में फ्रैक्चर की संभावना बढ़ा देते हैं। वयस्क के हड्डी के फ्रैक्चर होने के बाद के वर्ष में, मौत के जोखिम में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।और फ्रैक्चर्स से केवल 40 प्रतिशत अपनी आजादी हासिल कर पाती है।

शोधकर्ताओं ने लिखा है कि पीएम 2.5 भी शामिल है जो कण पदार्थ, प्रणालीगत ऑक्सीडेटिव क्षति और सूजन का कारण है। बढ़ते वायु प्रदूषण से हड्डियों के नुकसान में तेजी ला सकते हैं और वृद्ध व्यक्तियों में हड्डी के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। मेलमैन स्कूल में पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान की अध्यक्ष के मुताबिक, साफ हवा के कई लाभों में से, हमारे शोध से पता चलता है, हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार और हड्डी के फ्रैक्चर को रोकने का एक तरीका है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो पुरुष इन प्रदूषकों के कम संपर्क में आए हैं, उनकी हड्डियों के घनत्व को कम नुकसान हुआ है और उन्हें फ्रैक्चर की समस्या भी कम हुई है।

एक और शोधकर्ता एंड्रिया बेक्केरली के मुताबिक हमारे अध्ययन में पाया गए स्वच्छ वायु के कई लाभों में, हड्डियों की मजबूती एवं उन्हें टूटने से बचाना भी शामिल है। अध्ययनों में पाया गया है कि हृदय और श्वास रोग से लेकर कैंसर और खराब अनुभूतियों सहित कई मामलों में वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरा है और अब यह ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों संबंधी रोग) का भी मुख्य कारण बनकर उभर रहा है।

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