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भारतीय इक्विटी बाजारों में हुआ 2,74,034 करोड़ रुपये का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश

सरकार और नियामकों ने हाल के दिनों में FPI के जरिये निवेश बढ़ाने के लिए कई प्रमुख नीतिगत बदलाव किए हैं।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजारों में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 2,74,034 करोड़ रुपये का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (Foreign Portfolio Investments - FPI) हुआ है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति विदेशी निवेशकों के दृढ़ विश्वास को दर्शाता है।

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सांकेतिक चित्र (फोटो साभार: CapitalMarket)

आकर्षक रूप से डिजाइन किए गए प्रोत्साहन पैकेजों के कई चरणों औैर उम्मीद से भी तेजी गति से आर्थिक सुधार ने FPI प्रवाह को तेज रफ्तार से बढ़ाने का काम किया है। सरकार और नियामकों ने हाल के दिनों में FPI के जरिये निवेश बढ़ाने के लिए कई प्रमुख नीतिगत बदलाव किए हैं।


इनमें FPI रेग्युलेटरी रीजीम का सरलीकरण और युक्तिकरण, ऑनलाइन कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म (CAF) का संचालन, सेबी के साथ पंजीकरण, पैन का आवंटन और बैंक और डीमैट खाते खोलना आदि शामिल हैं।


भारतीय कंपनियों में FPI निवेश सीमा में 24% तक सेक्टरल कैप की बढ़ोतरी प्रमुख इक्विटी सूचकांकों में भारतीय प्रतिभूतियों के भार में वृद्धि के लिए एक उत्प्रेरक रही है, इस प्रकार भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर इक्विटी प्रवाह, एक्टिव और पैसिव माध्यम के जरिये आया है।


वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर का पूर्वानुमान विश्व बैंक, IMF और कई वैश्विक अनुसंधान संगठनों द्वारा 10% से अधिक आंका गया है, जो यह बताता है कि भारत निकट भविष्य में एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना रहेगा।