Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

bigbasket ने 30,000 किसानों के साथ की साझेदारी, मकसद है खास...

बिगबास्केट ने एक डिजिटल लेबलिंग सिस्टम भी पेश किया है जो हर प्रोडक्ट को उसके संबंधित किसान से जोड़कर ट्रेसबिलिटी को बढ़ाता है. यह सिस्टम खेत से ग्राहक तक प्रोडक्ट की यात्रा को ट्रैक करता है, पारदर्शिता और प्रत्येक आइटम की ताज़गी की गारंटी देता है.

टाटा एंटरप्राइज के स्वामित्व वाली कंपनी बिगबास्केट (Bigbasket) ने एक खास पहल शुरू की है. इस पहल के तहत पारंपरिक रूप से उगाए गए प्रोडक्ट्स की समान कीमत पर जैविक रूप से उगाए गए फल और सब्जियाँ तथा स्टेपल उपलब्ध कराए जाएँगे. इस कदम का उद्देश्य जैविक खाद्य पदार्थों को उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ और किफ़ायती बनाना है, साथ ही इसकी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल 30,000 से अधिक किसानों की आजीविका को बढ़ाना है.

पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के माध्यम से 2,000 से अधिक जैविक फल और सब्ज़ियों के किसानों और 28,000 कृषि-वस्तु उत्पादकों के साथ काम करके, बिगबास्केट अब 50 से अधिक प्रकार के जैविक रूप से उगाए गए फल और सब्ज़ियाँ तथा 100 से अधिक किराना स्टेपल उपलब्ध कराती है. यह सहयोग कंपनी के बढ़ते ऑर्गेनिक पोर्टफोलियो के लिए महत्वपूर्ण है.

पिछले वित्तीय वर्ष में, बिगबास्केट की जैविक श्रेणी में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिसमें बिक्री में महीने-दर-महीने 15-17% की वृद्धि हुई है. जैविक उत्पादों की अब इसकी स्टेपल बिक्री में 22% हिस्सेदारी है, जबकि जैविक रूप से उगाए गए फलों और सब्जियों की बिक्री में 50% की वृद्धि हुई है, जो कुल ताज़ा उपज बिक्री में 8% का योगदान देती है.

इस मूल्य निर्धारण सुधार पर टिप्पणी करते हुए, बिगबास्केट के चीफ़ बाइंग एंड मर्चेंडाइजिंग ऑफिसर शेषु कुमार ने कहा, “जैविक और पारंपरिक उत्पादों के बीच लागत का अंतर पारंपरिक रूप से उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी बाधा रहा है. इस लागत असमानता को दूर करके, हम एक महत्वपूर्ण बाधा को दूर कर रहे हैं, जिससे अधिक लोग जैविक खाद्य पदार्थों का लाभ उठा पाएँगे. यह पहल न केवल हमारे ग्राहकों को लाभान्वित करती है, बल्कि जैविक उत्पादों के लिए बाज़ार का विस्तार करके किसानों को भी सशक्त बनाती है.”

यह मूल्य निर्धारण बदलाव बिगबास्केट के स्थिरता उद्देश्यों के अनुरूप है. कंपनी बुवाई और कटाई के शेड्यूल की निगरानी के लिए जियोटैगिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करके अपने किसानों का समर्थन करती है, साथ ही मौसम संबंधी जोखिमों को प्रबंधित करने के लिए मौसम पूर्वानुमान और रणनीतियाँ भी प्रदान करती है. ये उपाय सुनिश्चित करते हैं कि किसान लगातार उच्च गुणवत्ता वाली जैविक फसलें पैदा कर सकें.

बिगबास्केट ने एक डिजिटल लेबलिंग सिस्टम भी पेश किया है जो हर प्रोडक्ट को उसके संबंधित किसान से जोड़कर ट्रेसबिलिटी को बढ़ाता है. यह सिस्टम खेत से ग्राहक तक प्रोडक्ट की यात्रा को ट्रैक करता है, पारदर्शिता और प्रत्येक आइटम की ताज़गी की गारंटी देता है.

किसानों और एफपीओ के साथ सीधी भागीदारी ने महत्वपूर्ण वृद्धि को बढ़ावा दिया है, इन समूहों का योगदान साल-दर-साल 60% से अधिक बढ़ रहा है. बिगबास्केट के दृष्टिकोण ने अपने आपूर्तिकर्ता नेटवर्क का विस्तार किया है, जिससे अधिक सीमांत किसानों को कंपनी के बड़े उपभोक्ता आधार से जुड़ने का मौका मिला है.

यह भी पढ़ें
e-RUPI वाउचर के जरिए पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों की मदद करेगा BHIM ऐप