Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

आखिर क्या होती है विजुअल मर्चेंडाइजिंग, स्टोर्स के लिए क्यों रखती है इतनी अहमियत?

स्टोर्स में लाइंटिंग, डमी, प्रोडक्ट्स की अरेंजमेंट सभी चीजें एक खास मकसद से रखी होती हैं. इन्हें कस्मटर के मन में ब्रैंड की इमेज बनाने के लिए रखा जाता है.

आखिर क्या होती है विजुअल मर्चेंडाइजिंग, स्टोर्स के लिए क्यों रखती है इतनी अहमियत?

Monday December 12, 2022 , 5 min Read

स्टोर में एक कस्टमर की नजर सबसे पहले जिस चीज पर पड़ती है उसी से वह स्टोर के बारे में अपना फर्स्ट इंप्रेशन बनाता है. इसलिए हर स्टोर अपने यहां माहौल, फ्रेगरेंस, डिस्प्ले जैसी चीजों के जरिए कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने की कोशिश करता है.

दरअसल एक अच्छी विजुअल मर्चेंडाइजिंग कस्टमर के मन में ब्रैंड की इमेज बिल्ड करने काम करती है. इसलिए विजुअल मर्चेंडाइजिंग गेम स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी माना जाता है. आइए जानते हैं विजुअल मर्चेंडाइजिंग आखिर है क्या और ये क्यों जरूरी है.

क्या है फंडा

एक रिटेल स्पेस में या स्टोर में प्रॉडक्ट्स को सजाने और डिस्प्ले के तरीके को विजुअल मर्चेंडाइजिंग कहते हैं. इस टेक्निक का इस्तेमाल प्रॉडक्ट के फीचर को हाईलाइट करने, कस्टमर्स का ध्यान खींचने और उसे स्टोर के अंदर कंफर्टेबल महसूस कराने और अंततः सेल्स बढ़ाने के लिए किया जाता है.

विजुअल मर्चेंडाइजिंग का इस्तेमाल तो फिजिकल रिटेल स्टोर्स के लिए शुरू किया गया था लेकिन अब डिजिटल स्टोर्स भी इस टेक्निक को अपना रहे हैं. एक कारगर विजुअल मर्चेंडाइजिंग ब्रैंड की इमेज, एस्थेटिक को दर्शाने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल करता है….. 

  • कलरः अलग-अलग रंग अलग-अलग मूड को दर्शाते हैं. स्टोर के लिए ऐसा कलर स्कीम चुनें जो कंपनी की इमेज से मेल खाता हो.
  • लाइटिंगः लाइटिंग भी आपके स्टोर के लिए इमेज सेट करती है और लाइटिंग की मदद से ही आप कुछ खास चुनिंदा प्रॉडक्ट्स या स्टोर में एक चुनिंदा जगह पर कस्टमर्स का ध्यान खींच सकते हैं. 
  • स्पेस: स्टोर में आपने कितनी दूरी पर सामान रखे हैं उससे ये होता है कि कस्टमर आपके स्टोर पर कितना समय और कहां पर बिताएगा. किसी
  • साउंड: स्टोर में नेचरल साउंड या रॉक म्यूजिक स्टोर के अंदर ओवरऑल मूड ही बदल सकता है 
  • महकः अगर आप किसी बड़े होटल या महंगे रेस्त्रां में गए होंगे तो एक खास तरह की महक आपको जरूर महसूस हुई होगी. दरअसल ये एक टेक्निक होती है आप अपने स्टोर को लेकर कस्टमर के मन में कैसी इमेज बनाना चाहते हैं. 
  • अलग-अलग तरह की महक कस्टमर्स के मन में अलग तरह का एक्सपीरियंस पैदा करती हैं और आपके ब्रैंड के साथ एक अलग तरह का कनेक्शन पैदा करती हैं.  
  • टेक्नोलॉजीः डिजिटल डिस्प्ले, इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन ब्रैंड के साथ इंगेज होते हैं.

क्या है अहमियत

विजुअल मर्चेंडाइजिंग कस्टमर इंटरैक्शन को बढ़ाने में मदद करती है. अगर बहुत अच्छे से सोच समझकर प्लानिंग करके स्टोर में डिस्प्ले रखा जाए तो कस्मटर्स का प्रोडक्ट के साथ इंटरैक्शन बढ़ता है और कस्टमर आपके स्टोर में अधिक समय तक रुकता है.

मिसाल के तौर पर एक फर्नीचर स्टोर में सभी फर्नीचर इस्तेमाल के लिए भी मौजूद होते हैं. कस्टमर जो भी आइटम खरीदना चाहता है उस पर बैठकर संतुष्ट होकर उसे खरीदने का फैसला कर सकता है.

अगर कस्टमर किसी चीज को छू सकता है, देख सकता है या अगर सूंघ भी सकता है तो उनके सामान खरीदने की संभावना अधिक रहती है.

सोशल प्रजेंस बढ़ती हैः क्रिएटिव, रंग बिरंगे डिस्प्ले न सिर्फ कस्टमर को आपके स्टोर तक खींचकर लाते हैं बल्कि उन्हें ज्यादा देर तक स्टोर में रोके रखते हैं. इतना ही नहीं कस्टमर्स को अगर स्टोर पर अच्छा एक्सपीरियंस मिलता है तो वो उसे अपने दोस्तों में भी जाकर बताते हैं.

आज के डिजिटल दौर में तो स्टोर की फोटे लेकर और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करके भी आप आसानी से डिजिटल प्रजेंस बना सकते हैं. इससे आपकी और आपके स्टोर दोनों की लोगों के बीच में अच्छी पहुंच बनती है.

सेल्स में इजाफाः क्या आपको मालूम है औसतन हर कस्टमर करीबन 40 फीसदी दुकानों में कम से कम तीन ऐसी चीजें खरीद लेते हैं जिन्हें खरीदने की उनका कोई इरादा नहीं होता.

इसका मतलब ये हुआ कि अगर आप इंटरेस्टिंग और इंटरैक्टिव डिस्प्ले से उनका ध्यान खींच पाने में सफल होते हैं तो आपके स्टोर की सेल्स बढ़ने की पूरी संभावना होगी.

इतने तरह से होती है विजुअल मर्चेंडाइजिंग

  • इंटीरियर डिस्प्लेः स्टोर के अंदर सजाए प्रोडक्ट या डेकोर इंटीरियर डिस्प्ले कहे जाते हैं.
  • स्टोर लेआउटः एक स्टोर की रूपरेखा कैसी है, चुनिंदा प्रोडक्ट्स को कहां रखा गया है, स्टोर में आगे किस तरह के प्रोडक्ट रखे गए हैं, पॉइंट ऑफ सेल कहां है, ड्रेसिंग रूम कहां है ये सभी चीजें विजुअल मर्चेंडाइजिंग के अंदर आती हैं.
  • डमीः डमी किस तरह की है, उसकी स्टाइलिंग कैसी है, उसे किस जगह रखा गया है ये सारी चीजें भी कस्टमर एक्सपीरियंस पर काफी असर डालती हैं.
  • बंडलिंग: एक ही शेल्फ पर कई तरह के प्रोडक्ट रखे होते हैं और कस्टमर उन्हें एक ही जगह पर ट्राई कर सकता है, इसे बंडलिंग कहते हैं.
  • स्टोर एनवायरमेंटः आपके स्टोर में घुसने पर कस्टमर को कैसी फीलिंग आती है इसका भी बहुत बड़ा रोल होता है. फिजिकल ही नहीं डिजिटल स्टोर का माहौल भी कस्टमर्स के मन में ब्रैंड बिल्डिंग करने में अहम भूमिका निभाता है.
  • विंडो डिस्प्लेः स्टोर के बाहर से गुजरने वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए विंडो डिस्प्ले सबसे कारगर टूल माना जाता है.
  • एक्सटीरियर फिक्चर्सः दुकान के अलावा कुछ दूर भी आप अपने दुकान की होर्डिंग, बोर्डिंग, पोस्टर, बैनर जैसी चीजें लगाकर आप अपने स्टोर के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपडेट कर सकते हैं.
  • डिजाइन डिसिजनः स्टोर की फ्लोरिंग से लेकर टेक्सटाइल्स और अन्य चीजें स्टोर में क्या,कहां लगनी हैं ये चीजें डिजाइन डिसिजन के अंदर आती हैं.

इनके अलावा सीजनल डिस्प्ले, प्रोडक्ट इनफॉर्मेशन, पॉइंट ऑफ पर्चेज डिस्प्ले, जैसी चीजों पर काम करके अपने स्टोर का विजुअल मर्चेंडाइजिंग गेम को दमदार बना सकते हैं.


Edited by Upasana