आज भी अखबारों में विज्ञापन देकर लोग क्यों चेंज कराते हैं नाम?
नाम बदलने के कई कारण होते हैं. इसके कारणों में शादी, पुनर्विवाह, पुराने नाम, सरनेम और फैमिली नेम में स्पेलिंग मिस्टेक, गोद लेना, अंक ज्योतिष या ज्योतिष, धर्म परिवर्तन के साथ-साथ कई बार नया नाम अपनाने की इच्छा भी शामिल होती है.
क्या आपने कभी अखबारों में निकलने वाले सिंगल कॉलम और छोटे विज्ञापनों पर गंभीरता से ध्यान दिया है जो कि डेली न्यूजपेपर्स के क्लासिफाइड सेक्शन के कोने में निकलते हैं, जिसमें लोग अपना नाम बदलने की सूचना देते हैं.
नाम बदलने के कई कारण होते हैं. इसके कारणों में शादी, पुनर्विवाह, पुराने नाम, सरनेम और फैमिली नेम में स्पेलिंग मिस्टेक, गोद लेना, अंक ज्योतिष या ज्योतिष, धर्म परिवर्तन के साथ-साथ कई बार नया नाम अपनाने की इच्छा भी शामिल होती है. हालांकि, नाम में बदलाव करने की जानकारी अखबार में देना लोगों की व्यक्तिगत पसंद से ज्यादा कानूनी आवश्यकता से जुड़ा है.
कानूनी प्रक्रिया
नाम में बदलाव एक तकनीकी प्रक्रिया के तहत होकर पूरा होता है. इसमें तीन महत्वपूर्ण स्टेप होते हैं. एक निर्धारित फॉर्मेट में नाम में बदलाव का एफिडेविट जमा करना होता है, अखबार में विज्ञापन देना होता है और ऑफिशियल गैजेट में एक नोटिफिकेशन जारी करवाना होता है.
विज्ञापन देना एक सार्वजनिक घोषणा और दुनिया को यह बताने जैसा है कि आप अपना नाम बदल रहे हैं. यह एक आधिकारिक रिकॉर्ड की तरह है, जिसे आपको काटना और रखना है.
ज्योतिष या स्पेलिंग चेंज जैसे कारणों के अलावा, कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है जो कानूनी या अदालती कार्यवाही से बचने के लिए गुप्त तरीके से अपना नाम बदलना चाहता हो.
कानूनी प्रक्रिया के पहले स्टेप में आपको निकटतम नोटरी के पास जाना होता है और नाम परिवर्तन के संबंध में एक स्टाम्प पेपर पर हलफनामा बनवाना शामिल होता है. इसमें कारण कारण बताना जरूरी होता है, उदाहरण के लिए, विवाह या ज्योतिषीय सलाह या अंक ज्योतिष के कारण, आदि.
चरण 2 किसी भी दो या तीन स्थानीय समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित करवाना होता है. भविष्य में उपयोग के लिए उसकी एक सुरक्षित रखनी पड़ती है.
चरण 3 में अपना नाम संबंधित राज्य के आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित करवाना होता है. इसमें वेरिफिकेशन के लिए आपको अतिरिक्त दस्तावेज देने पड़ सकते हैं लेकिन उसके बाद जब सरकार सत्यापन के बाद आपका नाम प्रकाशित कर देती है तब आपका काम पूरा हो जाता है.
प्रक्रिया में कम से कम 45 दिन लगते हैं. सरकारी कर्मचारियों को अपने विभाग/मंत्रालय को लगातार जानकारी में रखना होता है. इसी तरह विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को दूतावास या उच्चायोग से होकर गुजरना पड़ता है.
हलफनामे के नोटरीकृत होने के बाद कम से कम दो समाचार पत्रों - अंग्रेजी या हिंदी या स्थानीय भाषा के प्रकाशन में एक विज्ञापन दिया जाना चाहिए. यह मूल रूप से एक सार्वजनिक नोटिस है, ताकि अगर कोई व्यक्ति या कोई सरकारी विभाग आपत्ति करना चाहे तो कर सके.
अखबार में नाम परिवर्तन विज्ञापन प्रकाशित करने का सबसे आसान तरीका क्लासीफाइड विज्ञापनों काम देखने वाली एजेंसी है. इसके साथ ही समाचार प्रकाशनों के अपने स्वयं के क्लासीफाइड सेक्शन होते हैं, जिनसे कोई व्यक्ति सीधे संपर्क कर सकता है. एक सिंगल कॉलम के विज्ञापन के लिए करीब 600-700 रुपये लगते हैं.
ज्योतिष और अंक ज्योतिष बड़ा कारण
लोगों के नाम बदलने के सबसे बड़े कारणों में से एक ज्योतिष और अंक ज्योतिष है. कारोबार में नुकसान, विवाह, करियर में विफलता जैसी लोगों की तमाम तरह की परेशानियों के लिए ज्योतिषशास्त्री अक्सर उन्हें नामों में बदलाव का सुझाव देते हैं. अक्सर लोग अनअपेक्षित सफलता हासिल करने, अच्छे स्वास्थ, समृद्धि या अन्य चीजों के लिए भी इसका सहारा लेते हैं. सेलिब्रिटीज अक्सर अपने नामों की स्पेलिंग में बदलाव करते हैं.
सुनील शेट्टी, राजकुमार राव (यादव), आयुष्मान खुराना, तुषार कपूर, रानी मुखर्जी, अजय देवगन या विवेक ओबेरॉय जैसी हस्तियों ने एक अतिरिक्त स्पेलिंग जोड़ा है या हटा दिया है.
Edited by Vishal Jaiswal