वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए PUC अनिवार्य नहीं, दिल्ली सरकार 28 अक्टूबर से लागू करेगी एक नया 'नियम'
दिल्ली सरकार ने 25 अक्टूबर से शहर भर के पेट्रोल पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र अनिवार्य करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने के लिए पीयूसी अनिवार्य नहीं होगा.
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए अधिसूचित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) इस साल अक्टूबर के पहले हफ्ते से ही लागू किया जा चूका है. इसी सिलसिले में यह भी कहा गया था कि व्हीकल प्रदूषण को रोकने के लिए 25 अक्टूबर (25 October) से राजधानी दिल्ली के पेट्रोल पंपो पर PUC (प्रदूषण नियंत्रण जांच) प्रमाणपत्र दिखाए बिना वाहन चालाक पेट्रोल और डीजल नहीं ले पायेंगे. यह फैसला सरकार ने वापस ले लिया है.
वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार एक बार फिर 28 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान (Red Light On, Gaadi Off Campaign) शुरू करने जा रही है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान दिल्ली में 28 अक्टूबर से 28 नवंबर तक चलाया जाएगा.
राय ने कहा कि पैट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान का अगर सफलता पूर्वक पालन होता है, तो दिल्ली के अंदर 15 से 20 फीसदी तक वाहन प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है. आम तौर पर यह देखा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में अपनी गाड़ी लेकर निकलता है तो वापस घर पहुंचने तक लगभग आठ से 10 रेडलाइट पर रुकता है. यदि वह दो मिनट एक चौराहे पर रुकता है और अपनी गाड़ी का इंजन बंद नहीं करता है तो वह 25 से 30 मिनट अपने गाड़ी के ईंधन को व्यर्थ में जलाता है. इस अभियान का मकसद लोगों को इस बारे में सजग कराना है.
इस अभियान के तहत शहर के 100 मुख्य चौराहों पर 2,500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किए जाएंगे. प्रत्येक ट्रैफिक लाइट पर 10 वॉलंटियर्स दो शिफ्टों में तैनात रहेंगे. वहीँ शहर के 10 बड़े चौराहों पर 20 वॉलंटियर्स की तैनाती की जाएगी.
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Edited by Prerna Bhardwaj