गरीब बच्चों को वर्ल्ड क्लास स्कूलिंग सुविधा मुहैया कराने का प्रयास कर रहा यह स्टार्टअप
पिछले एक दशक में, शिक्षा के क्षेत्र में बहुत इनोवशन हुए हैं, खासकर जमीनी स्तर पर। इसी क्रम में टीच फॉर इंडिया (टीएफआई) शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए युवा प्रतिभाओं के जरिए आगे बढ़ रहा है। 2016 में, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद और दिल्ली में 320 से अधिक स्कूलों के साथ काम करने के बाद, संगठन ने क्लासरूम्स से आगे बढ़ने का फैसला किया। "शुरुआत में ही होनहार दिख रहे उद्यमियों" को प्रेरित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से, TFI ने इनोवेटेड (InnovatED) की स्थापना की।
टीच फॉर इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संस्थापक शाहीन मिस्त्री ने SocialStory को बताया, “इनोवेशन और उद्यमिता में हमारे साथ के और पूर्व छात्रों के निवेश के स्तर को देखते हुए, हमने महसूस किया कि टीच फॉर इंडिया फैलोशिप पूरी कर बाहर निकले उन उद्यमियों के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जो कि होनहार हो सकते हैं। इसी विचार के साथ इनोवेटेड (InnovatED) की अवधारणा का जन्म हुआ।" InnovatED को फिजिकल इनक्यूबेटर या को-वर्किंग स्पेस के बजाय एक डीसेंट्रलाइज इनक्यूबेशन प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन किया गया था। इसकी पहुंच सभी सात टीच फॉर इंडिया शहरों तक है। यह एक हाइब्रिड मॉडल पर काम करता है। दो साल से भी कम समय में, इनोवेटेड ने 15 प्रारंभिक-चरण के शिक्षा उद्यमियों को उन संगठनों का निर्माण करने में सक्षम बनाया है जो शिक्षा के स्पेक्ट्रम में काम कर रहे हैं जैसे- सार्वजनिक स्कूलों और माता-पिता के नेतृत्व से लेकर वैज्ञानिक सोच और छात्र की आवाज तक।
जरूरत
"भारत को वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने, शिक्षा और हमारे बच्चों के भविष्य को आकार देने के लिए शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में नए संगठनों के प्रसार की आवश्यकता है।" टीच फॉर इंडिया एक गैर लाभकारी संगठन है, जो अपने फेलोशिप प्रोग्राम के जरिए ऐसे भारतीय ग्रेजुएट्स और प्रोफेशनल्स को नियुक्त करता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर स्कूलों में दो वर्ष तक पढ़ा सकें। यहाँ, अध्येता सीधे जमीनी स्तर पर काम करते हैं वे छात्रों, प्रिंसिपल्स और अभिभावकों के साथ बातचीत करते हैं। दो साल तक चलने वाली एक डेप्थ क्लासरूम इंगजमेंट उन्हें भारत की शिक्षा प्रणाली की वास्तविकताओं से परिचित कराने के लिए एक नजरिया प्रदान करती है। जैसे 76 प्रतिशत छात्र हायर एजुकेशन सिस्टम तक नहीं पहुंच पाते हैं; कक्षा 5 के 52 प्रतिशत छात्र कक्षा दो की पाठ्यपुस्तक नहीं पढ़ सकते हैं; और लगभग नौ लाख शिक्षक के पद, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खाली हैं। चूंकि वे अब भारत में शिक्षा परिदृश्य से अच्छी तरह से वाकिफ हैं, इसलिए TFI उनके साथ उद्यमी स्तर पर जुड़ा हुआ है।
शाहीन आगे कहती हैं, “जिन उद्यमियों को हम तैयार करते हैं, वे जमीन पर काम करने के एक मजबूत अनुभव के साथ आते हैं, जैसे कि कम सुविधाओं वाले क्लासरूम्स में फुल टाइम टीचर्स का होना। कोई भी संगठन शुरू करने से पहले यह अनुभव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में अद्वितीय है, और यह सुनिश्चित करता है कि समाधान सबसे वास्तविक और दबाव वाली समस्याओं में निहित हैं जिनका आज हमारे छात्र, कक्षाएं और स्कूल सामना करते हैं।"
InnovatED मॉडेल
बेंगलुरु में एडुमेंटम एक और इनक्यूबेटर है, जो पूरी तरह से शिक्षा स्टार्टअप पर केंद्रित है। लेकिन इनोवेटेड एकमात्र संगठन है जो शुरुआती शिक्षा पर केंद्रित है। वे शिक्षा में किसी भी तरह के हस्तक्षेप के लिए पूरी तरह खुले हैं। ये चाहें स्कूल, माता-पिता या नीति स्तर पर हो, वे हर जगह नए विचारों का समावेश करते हैं। इनक्यूबेटर फंडिंग एक समर्पित कोच तक पहुंच, उद्यमी बुलाने की एक सीरीज, समर्थन करने के लिए समुदाय, पारिस्थितिकी तंत्र तक पहुंच ऑफर करता है।
स्कूल प्रबंधन समितियों को मजबूत करने के लिए काम करने वाला संगठन समर्थ्य (Samarthya) एक ऐसा प्रारंभिक चरण है जो इनोवेटेड द्वारा इनक्यूबेट किया गया है। 2015 टीएफआई के पूर्व छात्र और समर्थ्य के सह-संस्थापक साहिल बब्बर कहते हैं, “इनोवेटड ने मेरे संगठन के लिए एक उत्प्रेरक और एक कनेक्टर के रूप में काम किया। एक उत्प्रेरक इसलिए क्योंकि हमारे साथी उद्यमियों की ऊर्जा और कार्य ने हमें दिखाया कि कुछ भी संभव है। एक कनेक्टर इसलिए क्योंकि हमने इससे सीखा है इसके जरिए हम सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के संपर्क में थे।” इस संगठन का दावा है कि इनोवेटिड के सपोर्ट ने टीम की ताकत में 70 प्रतिशत की वृद्धि दी है और फंड हासिल करने की क्षमता ने 150 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है।
द स्टार्टअप्स
टीएफआई उन स्कॉलर्स के साथ काम करता है, जो शिक्षा में मौजूद महत्वपूर्ण समस्याओं से रणनीतिक रूप से निपटने के लिए उद्यमी बन जाते हैं, और देश में शिक्षा के लिए सामूहिक रूप से कहानी को बदलते हैं। शाहीन आगे कहती हैं, "हमारे उद्यमी वास्तव में एक दिन हम सभी बच्चों तक पहुँचने की दृष्टि को आगे बढ़ा रहे हैं - क्योंकि उनके संगठन उन स्थानों में बच्चों की सेवा कर रहे हैं जहां टीच फॉर इंडिया वर्तमान में नहीं पहुंच सकता है।"
2018-19 में इनोवेटेड द्वारा तैयार किए गए कुछ स्टार्टअप ये हैं:
स्लैम आउट लाउड- आर्ट्स इन एजुकेशन: जिज्ञासा लाबरू द्वारा स्थापित, स्लैम आउट लाउड का मानना है कि कला अभिव्यक्ति के लिए एक स्थान बना सकती है और बच्चों को 21 वीं सदी के कौशल से लैस करके उनके समुदायों में बदलाव के लिए एक मंच दे सकती है।
सैटरडे आर्ट क्लास- आर्ट्स इन एजुकेशन: मानसी मेहान द्वारा स्थापित, सैटरडे आर्ट क्लास, कला के माध्यम से सरकारी और कम आय वाले स्कूलों में बच्चों के लिए, मूल्यों और जीवन-कौशल पर आधारित एक पूरक-से-शिक्षाविद पाठ्यक्रम डिलीवर करता है।
पाई जैम फाउंडेशन- टेक इन एजुकेशन: शोएब डार द्वारा स्थापित, पाई जैम का उद्देश्य प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान करना है, और सीखने के लिए हाथों-हाथ दृष्टिकोण के माध्यम से छात्रों में समस्या समाधान, प्रोग्रामिंग और डिजाइन सोच जैसे आवश्यक कौशल का निर्माण करना है।
प्रयोगशला- टेक इन एजुकेशन: शशांक मिश्रा द्वारा स्थापित, प्रयोगशला छात्रों को सुविधा, संकाय और विज्ञान में अवसर प्रदान करके इनोवेटर बनाती है।
की एजुकेशन फाउंडेशन- अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन एंड डेवपलमेंट: श्वेता द्वारा स्थापित, की एजुकेशन फाउंडेशन शहरी भारत में कम आय वाले समुदायों के बच्चों के लिए स्कूलों, शिक्षकों और माता-पिता को सक्षम करके क्वालिटी चाइल्डहुड एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।
उमोया स्पोर्ट्स- विकलांग छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा: आदित्य केवी द्वारा स्थापित, उमाया स्पोर्ट्स विकलांग छात्रों के लिए समग्र विकास के अवसर प्रदान करता है, और खेल के माध्यम से स्कूलों में एक समावेशी संस्कृति का निर्माण करता है।
लूप एजुकेशन फाउंडेशन- स्कूल लीडरशिप: आशीष नवलखा द्वारा स्थापित, लूप एजुकेशन फाउंडेशन स्कूलों के उच्च प्रदर्शन वाले पारिस्थितिक तंत्र का विकास करता है।
आगे की योजना
टीच फॉर इंडिया 49 देशों में फैले वैश्विक टीच फॉर ऑल नेटवर्क का हिस्सा है। जिन शिक्षा उद्यमियों को इनोवेटड का समर्थन है, वे वैश्विक शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की लंबाई और चौड़ाई में काम करने वाले 600 से अधिक सामाजिक उद्यमियों के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा हैं। इनक्यूबेटर ने 2017 में आठ स्टार्टअप का समर्थन किया है। शाहीन कहती हैं, "मुझे विश्वास है कि सबसे बड़ी बात जो हमें करने की जरूरत है वह है उच्च गुणवत्ता की प्रतिभा को सिस्टम में लाना। हमारे पास नई तकनीक और विकास है, लेकिन यह लोग हैं जो बदलाव लाते हैं। हमें और अधिक लोगों को अपने बच्चों के लिए आने और काम करने और फिर सुधार पाठ्यक्रम के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।”
यह भी पढ़ें: UPSC 2019: दो साल तक रहीं सोशल मीडिया से दूर, हासिल की 14वीं रैंक