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क्या होती है वेंचर कैपिटल फर्म, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल में क्या फर्क है?

आज हर एक युवा का ख्वाब है खुद का बिजनेस या स्टार्टअप करने का. और स्टार्टअप के लिए पैसा जुटाना एक महारथ है. अब अगर आप भी स्टार्टअप करने की हसरत रखते हैं, तो आपको वेंचर कैपिटल फर्म के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. ये होती क्या है और कैसे काम करती है?

क्या होती है वेंचर कैपिटल फर्म, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल में क्या फर्क है?

Thursday December 01, 2022 , 5 min Read

वर्ष 2022 भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग (venture capital funding) वैल्यू के लिहाज से ऐतिहासिक वर्ष रहा है. GlobalData की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2022 की पहली छमाही के दौरान वेंचर कैपिटल फंडिंग डील वॉल्यूम में 39 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 976 डील पूरी की है.

फंडिंग जुटाने की चुनौतियों के बावजूद, यह ट्रेंड स्टार्टअप इकोसिस्टम (startup ecosystem) के लिए उत्साहजनक लगता है. और भारत में वेंचर कैपिटल फर्म (venture capital firm) भारतीय स्टार्टअप के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी.

अपने बिजनेस या स्टार्टअप के लिए फंडिंग जुटाने की तैयारी करने से पहले आपको वेंचर कैपिटल फर्म के बारे में पता होना चाहिए.

आज इस लेख में, हम आपको बताने जा रहे हैं कि वेंचर कैपिटल फर्म होती क्या हैं, ये फर्म कैसे काम करती है? साथ ही आप यह भी जानेंगे कि प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल में क्या फर्क होता है, और वेंचर कैपिटल का इतिहास क्या है?

क्या होती है वेंचर कैपिटल फर्म?

वेंचर कैपिटल (VC) प्राइवेट इक्विटी (PE) का ही एक रूप है. यह एक प्रकार का फाइनेंस है जो इन्वेस्टर स्टार्टअप कंपनियों और स्मॉल बिजनेसेज को देते हैं जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें लॉन्ग-टर्म में मुनाफा देने की क्षमता है. वेंचर कैपिटल आम तौर पर मंझे हुए इन्वेस्टर, इन्वेस्टमेंट बैंक या किसी भी दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से आती है.

venture capital

सांकेतिक चित्र

हालाँकि, यह जरूरी नहीं कि यह हमेशा मौद्रिक रूप में ही हो; यह तकनीकी या प्रबंधकीय विशेषज्ञता के रूप में भी मुहैया की जा सकती है. वेंचर कैपिटल आम तौर पर ग़ज़ब की ग्रोथ हासिल करने वाली छोटी कंपनियों को दी जाती है, या उन कंपनियों को दी जाती है जो तेजी से बढ़ी हैं और कारोबार का विस्तार जारी रखती हैं.

यह उन इन्वेस्टर्स के लिए रिस्क हो सकता है जो इन्वेस्ट करते हैं, लेकिन औसत से अधिक रिटर्न की संभावना आकर्षक अदायगी है. नई कंपनियों या बिजनेस वेंचर के लिए जिन्हें शुरू हुए कम ही समय हुआ है (दो वर्ष से कम), वेंचर कैपिटल फर्म पैसे जुटाने के लिए लोकप्रिय और जरूरी स्रोत (source) बनता जा रहा है. खासकर अगर उनके लिए, जिनके पास कैपिटल मार्केट, बैंक लोन या लोन देने वाले दूसरे किसी भी स्रोत तक पहुंच नहीं है.

लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि इन्वेस्टर आमतौर पर कंपनी में इक्विटी हासिल करते हैं, और इस प्रकार, कंपनी के निर्णयों में उनका हक होता है.

कैसे काम करती है VC फर्म?

startup financing cycle

सॉर्स: startupstorymedia

स्टार्टअप कंपनियों को आम तौर पर कैसे फंडिंग मिलती है, यह ऊपर डायग्राम में दर्शाया गया है. सबसे पहले, नई फर्म "सीड कैपिटल" और "ऐंजल इन्वेस्टर्स" और एक्सीलरेटर से फंड्स जुटाने का प्रयास करती है. फिर, अगर फर्म "डेथ वैली" से सर्वाइव कर जाती है, तब वह आगे वेंचर कैपिटल फर्म के पास जाती है, और आगे कारोबार जारी रखने के लिए फंडिंग जुटाती है. यहां "डेथ वैली" वह अवधि है जहां फर्म "बेहद छोटे/टाइट" बजट में विकसित होने की कोशिश कर रही होती है.

प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल में फर्क?

वेंचर कैपिटल और दूसरी प्राइवेट इक्विटी डील के बीच एक बड़ा महत्वपूर्ण फर्क यह है कि वेंचर कैपिटल पहली बार पर्याप्त पैसे की मांग करने वाली उभरती कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करती है. जबकि प्राइवेट इक्विटी बड़ी, अधिक स्थापित कंपनियों को फंड्स देती है जो एक इक्विटी इन्फ्यूजन की मांग कर रही हैं. इसे [प्राइवेट इक्विटी को] कंपनी के फाउंडर्स के लिए अपनी कुछ स्वामित्व हिस्सेदारी (ownership stakes) ट्रांसफर करने का अवसर भी कहा जा सकता है.

venture capital

सांकेतिक चित्र

वेंचर कैपिटल का इतिहास

वेंचर कैपिटल - प्राइवेट इक्विटी का एक सबसेट है. जबकि प्राइवेट इक्विटी की जड़ें 19वीं शताब्दी में देखी जा सकती हैं, वेंचर कैपिटल केवल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक इंडस्ट्री के रूप में विकसित हुई.

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (Harvard Business School) के प्रोफेसर जॉर्जेस डोरियट (Georges Doriot) को आम तौर पर "वेंचर कैपिटल का जनक" माना जाता है. उन्होंने 1946 में अमेरिकन रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (American Research and Development Corporation - ARD) की शुरुआत की. उन्होंने उन कंपनियों में इन्वेस्ट करने के लिए 3.5 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया, जो WWII के दौरान विकसित तकनीकों का व्यवसायीकरण करती थीं. ARDC का पहला इन्वेस्टमेंट एक ऐसी कंपनी में था जो कैंसर के इलाज के लिए एक्स-रे तकनीक का उपयोग करने की महत्वाकांक्षा रखती थी. 1955 में कंपनी के सार्वजनिक होने पर डोरियट द्वारा इन्वेस्ट की गई रकम 200,000 डॉलर 1.8 मिलियन डॉलर में तब्दील हो गई.

2008 का फाइनेंशियल क्राइसिस वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटकी था. क्योंकि इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स, जो फंडिंग का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गए थे, ने अपने वॉलेट कड़े कर लिए. एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के यूनिकॉर्न, या स्टार्टअप्स के उदय ने इंडस्ट्री में खिलाड़ियों के एक विविध समूह को आकर्षित किया है. वे सॉवरिन फंड और प्राइवेट इक्विटी फर्म इन्वेस्टर्स की भीड़ में शामिल हो गए, जो कम ब्याज दर के माहौल में कई गुना अधिक रिटर्न की मांग कर रहे हैं और बड़े टिकट साईज की डील्स में भाग लिया है. उनकी एंट्री से वेंचर कैपिटल इकोसिस्टम में बेहद बदलाव आया है.